** मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद ही लेंगी शिक्षकों को पक्का करने का निर्णय
चंडीगढ़ : हरियाणा में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले पक्का होने के लिए जी-जान से जुटे गेस्ट टीचर्स की राह में रोड़े कम नहीं हैं। एक अड़चन दूर होने पर दूसरी सामने खड़ी हो जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के गेस्ट टीचर्स की दलीलों से सहमत होने के बाद शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन ने नियमितीकरण में फिर पेंच फंसा दिया है। वित्तायुक्त गेस्ट टीचर्स के तर्को से सहमत हैं, लेकिन पक्का करने का निर्णय मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद ही लेंगी। प्रदेश के गेस्ट टीचर्स का प्रतिनिधिमंडल सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा की अध्यक्षता में यहां मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एसएस ढिल्लो और वरिष्ठ विशेष सचिव शादी लाल कपूर से मिलने पहुंचे थे। राजकीय अनुबंधित अध्यापक संघ के राज्य प्रधान दिनेश यादव, महासचिव भूपेंद्र सिंह व सुभाष लांबा ने दोनों ही उच्च्च अधिकारियों के समक्ष सरकार की तीन वर्षीय नियमितीकरण नीति और गेस्ट टीचर्स की नियुक्ति से जुड़े तथ्य रखे। काफी देर चर्चा के बाद दोनों अधिकारियों ने उनकी दलीलों पर सहमति जताई। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एसएस ढिल्लो ने गेस्ट टीचर्स का मांग पत्र हाथों-हाथ शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन को प्रेषित कर दिया। गेस्ट टीचर्स का प्रतिनिधिमंडल वित्तायुक्त पास पहुंचा और उन्हें सारे तथ्यों से अवगत कराया। लेकिन, गेस्ट टीचर्स को आखिर में निराशा ही हाथ लगी। वित्तायुक्त सुरीना राजन ने कहा कि गेस्ट टीचर्स की बैक हिस्ट्री को देखते हुए वह अपने स्तर पर कोई निर्णय नहीं ले सकती हैं, इस मामले में वह मुख्यमंत्री से चर्चा करने के बाद ही कोई कदम उठाएंगी। वित्तायुक्त की इस बात से गेस्ट टीचर्स बिफर गए हैं। उन्होंने 12 सितंबर को सामूहिक अवकाश लेकर पूरे प्रदेश में ब्लॉक स्तर पर वित्तायुक्त सुरीना राजन के पुतले फूंकने का निर्णय लिया है। संघ के प्रधान दिनेश यादव ने कहा कि सुरीना राजन के रवैये के कारण ही उनका नियमितीकरण रुका हुआ है। वित्तायुक्त मुख्यमंत्री को गुमराह कर रही हैं।
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