** आयकर कानून में जुड़ी नई धारा 194-डी (ए) एक अक्टूबर से हुआ प्रभावी
नई दिल्ली : अब जीवन बीमा पॉलिसी की मेच्योरिटी पर मिलने वाली रकम भी स्रोत पर टैक्स कटौती यानी टीडीएस के दायरे में गई है। ऐसा आयकर कानून 1961 में एक नई धारा 194डीए के जुड़ने से हुआ है। एक अक्टूबर 2014 से लागू हुई इस धारा में स्पष्ट किया गया है कि यदि बीमाधारक को किसी एक वित्त वर्ष में पॉलिसी की मेच्योरिटी पर एक लाख रुपए से अधिक रकम मिलती है तो बीमा कंपनियां उस पर दो फीसदी टीडीएस काट लेंगी। यह धारा उन्हीं पॉलिसियों पर लागू होगी जिन पर सेक्शन 10(10डी) का बेनीफिट मिल रहा हो। मतलब मेच्योरिटी अमाउंट टैक्सेबल हो। 10(10डी) धारा एक अप्रैल 2012 से लागू हुई थी। इसके मुताबिक यदि किसी पॉलिसी का बेसिक सम एश्योर्ड प्रीमियम के दस गुना से कम है तो इस धारा और 80सी के तहत टैक्स बेनीफिट नहीं मिलता है।
इन पर असर अधिक :
नई धारा 194डीए 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों और सिंगल-प्रीमियम पॉलिसियों पर अधिक लागू होती है। इस धारा के बारे में बीमा कंपनियों की ओर से बीमाधारकों को सूचना दी जा रही है। db
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