अखिरकार उस बदलाव की कवायद अब शुरू हो गई है, जिसकी विद्यार्थी से लेकर अभिभावक 14 साल से प्रतीक्षा कर रहे हैं, विद्यार्थियों के लिए बोझिल माने जा रहे कुछ पाठों को जहां हटाया गया है तो वहीं विषयों में अब अधिक से अधिक चित्र डाले जाएंगे। जिससे विद्यार्थियों को अपने विषय को समझने में आसानी होगी। यह बदलाव आगामी शैक्षणिक सत्र से लागू होगी। विभागीय जानकारी के अनुसार एससीईआरटी ने पहली से पांचवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए दो कार्यशालाओं का आयोजन भी हो चुका है तथा अब कुछ और विषय विशेषज्ञों की दो कार्यशालाएं आयोजित कर इस बदलाव पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी। बता दें कि प्रदेश में पहली से पांचवीं कक्षा की किताबों में बड़े पैमाने पर बदलाव वर्ष 2000 में हुअा था। उसके बाद कोशिशें तो काफी हुई लेकिन बात लागू करने तक नहीं पहुंच सकी।
नैतिक शिक्षा भी मिलेगी :
पहली से पांचवीं तक के पाठ्यक्रम में बदलाव की कवायद के अंतर्गत लोगों की पुरजोर मांग पर नैतिक शिक्षा को भी पाठ्यक्रम में डाला जाएगा। यह बदलाव 2015 से शुरू होगा।
बदलाव एक साथ नहीं :
एनसीईआरटीकी आेर से पाठयक्रम में बदलाव बड़े पैमाने पर नहीं होगा। कार्य को लेकर अधिक बोझ नहीं पड़े और बेहतर ढंग से कार्य को वर्ष 2015 तक निपटाया भी जा सकें।
यह होगा मुख्य बदलाव
तीसरी कक्षा के परिवेश अध्ययन के 20 पाठ को घटा कर 15 कर दिया गया है। जबकि चौथी कक्षा की परिवेश अध्ययन से 22 पाठों की संख्या घटा कर 18 कर दिया गया है। यही नहीं विद्यार्थियों को अब विषयों को समझने में भी आसानी होगी, क्योंकि अब नए पाठ्यक्रम में अधिक से अधिक चित्र डाले जा रहे हैं।
"पाठ्यक्रम में बदलाव करने की कवायद शुरू हो गई है। एससीईआरटी में अब तक दो कार्यशाला इस बदलाव को लेकर लगाई जा चुकी हैं। नए पाठयक्रम में बोझिल पाठ हटाए गए हैं तथा इस बार चित्रों का अधिक इस्तेमाल किया गया है।''-- स्नेहलता अहलावत, निदेशक,एससीईआरटी, गुड़गांव। dbsnpt
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