गुड़गांव : पहली से पांचवीं कक्षा तक की किताबें अगले सत्र से बदली हुई नजर आएंगी। असल में इन किताबों को स्वरूप से लेकर पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया जा रहा है। इसके लिए एससीईआरटी (राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
प्राथमिक कक्षाओं की किताबों में 2005 में फिर 2011 में बदलाव किया गया था। इन सकारात्मक बदलावों के बाद भी किताबों व पाठ्यक्रम में रह गई कुछ खामियों को दूर करने व कुछ बेहतर जोड़ने के लिहाज से अब फिर से बदलाव किया जा रहा है। एससीईआरटी के टेक्स्ट बुक विभाग के चित्रगुप्त ने बताया कि यह बदलाव बहुत बड़ा नहीं है लेकिन अब यह किताबें नए कलेवर में कुछ नयापन लिए हुए आएंगी। किताबों में प्रदेश स्तर पर काफी कुछ नया किए जाने की योजना है। ईवीएस की किताबों में प्रदेश की संस्कृति व साहित्य की झलक देखने को मिलेगी तो अन्य विषयों में कुछ रोचक, कुछ अधिक एक्सरसाइज वाली चीजें नजर आएंगी। उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम के अलावा किताब के ढांचे में भी बदलाव किया जा रहा है। इस सभी के लिए एससीईआरटी ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं व अगले सत्र से प्राथमिक कक्षा के विद्यार्थियों को बदली हुई पाठ्य पुस्तकें मिलेंगी। पाठ्यक्रम कहीं न कहीं एनसीईआरटी से प्रभावित है। अब जरूरत थी उसे प्रदेश से जोड़ने की व कुछ नयापन लाकर उसे विद्यार्थियों के लिए और सुलभ बनाने की। ऐसे में एससीईआरटी ने एक बार फिर से बीड़ा उठाया और विद्यार्थियों के लिए शिक्षा को अधिक ज्ञानोपयोगी बनाने के लिए पुस्तकों के स्वरूप में बदलाव के साथ साथ उनके कंटेंट में भी बदलाव करने का। ऐसे में अब इन पाठ्य पुस्तकों में प्रदेश की संस्कृति व साहित्य की भी झलक देखने को मिलेगी ताकि विद्यार्थी प्रदेश की संस्कृति को प्रारंभिक स्तर से ही समझ सकें। dj
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