.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Wednesday, 29 October 2014

कैसे आएगी शिक्षा की बहार शिक्षक चाहिए और एक हजार

** कक्षा 6वीं से 12वीं तक के स्कूलों में शिक्षकों के 1034 पद खाली, 48 स्कूलों में हेडमास्टर नहीं
** अभिभावकों और छात्रों को नई सरकार से उम्मीद, जल्द होगा समस्या का समाधान 
** जिलेभर के कई स्कूलों में शिक्षकों के खाली पड़े पद के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई हो रही प्रभावित 
जींद : विद्यार्थी दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा तैयारी में जी-जान से जुटे हुए हैं, लेकिन जिले के कई स्कूलों में शिक्षकों के होने की कमी उनकी पढ़ाई में आड़े रही है। सबसे अधिक समस्या उन विद्यार्थियों को उठानी पड़ रही है जिन्होंने दसवीं कक्षा के बाद सरकारी स्कूल में दाखिला लेकर साइंस काॅमर्स संकाय में एडमिशन लिया है। 
पिछली सरकार ने जिले के कई स्कूलों में साइंस काॅमर्स संकाय शुरू करने के आदेश तो दिए, लेकिन उनमें संबंधित विषयों के शिक्षक उपलब्ध नहीं कराए गए। जिलेभर में सबसे अधिक खाली पद इन्हीं दोनों संकायों से संबंधित विषयों की हैं। अब प्रदेश में बनी सरकार से विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों को भी उम्मीद है कि सरकार इस समस्या को गंभीरता से ले इसका समाधान करेगी। 
जिलेभर के स्कूलों में विद्यार्थियों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके। इसके लिए 6वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को 1034 और शिक्षकों की आवश्यकता है। जिले में सबसे अधिक शिक्षकों के पद सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में खाली पड़े हैं। कुल 100 राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों के 480 पद खाली पड़े हैं, जबकि प्राइमरी स्कूल में शिक्षकों की संख्या में कोई खास कमी नहीं है। 
सरकार से काफी उम्मीदें 
मेरे गांव के गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षकों की कमी है। इस पर पिछले दिनों छात्राओं द्वारा स्कूल को ताला भी लगाया गया था। हालांकि पंचायत ने इस समस्या पर अपने बलबूते पर प्राइवेट टीचर रखे हैं, लेकिन विभाग द्वारा इस दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। नई सरकार से उम्मीद है कि इस समस्या का समाधान अवश्य ही करेगी।' --जयभगवान, अभिभावक,शामलोकलां 
शिक्षकोंकी है कमी 
मेरेस्कूल में कक्षा 6वीं से 10वीं तक 367 विद्यार्थी हैं, जबकि अध्यापकों की संख्या महज आठ ही है। दूसरे स्कूलों से जैसे-तैसे करके शिक्षकों डेपुटेशन पर लिया है। ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो। बावजूद इसके दो शिक्षकों की सख्त जरूरत है। वहीं प्राइमरी विंग में कुल 87 छात्र हैं, जबकि इनको पढ़ाने के लिए चार अध्यापक विभाग द्वारा लगाए गए हैं।' --गोपीराम,हेडमास्टर,राजकीय हाई स्कूल फतेहगढ़ 
"रेशनेलाइजेशन के बाद शिक्षकों की कमी जिन स्कूलों में बनी हुई थी वह काफी हद तक दूर हो गई है। स्कूलों में जहां पर पद खाली हैं उन्हें सरकार द्वारा भरा जाना है। उम्मीद है सरकार जल्द ही इस दिशा में कदम उठाएगी। बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चले इसके लिए उचित कदम उठाए गए हैं।" ---जोगेंद्रहुड्डा, जिलाशिक्षा अधिकारी जींद 
48 हाई सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में मुखिया नहीं 
शिक्षकों के साथ जिले के कुल 111 हाई स्कूलों में 30 स्कूल ऐसे हैं। जिनमें हेडमास्टर के पद खाली पड़े हैं। इसी तरह से जिले के कुल 100 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में से 18 स्कूल ऐसे हैं। जहां पर प्रिंसिपल ही नहीं हैं। इन संबंधित स्कूलों में शिक्षक को या फिर किसी पास स्कूल के दूसरे प्राचार्य हेडमास्टर को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।                                db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.