पानीपत : युवक और युवतियों की विदेश में पढ़ाई के लिए सरनेम (गोत्र) रोड़ा नहीं बनेगा। अब वे आसानी से जन्म प्रमाणपत्र में दोबारा से सरनेम जुड़वा सकेंगे। इसके लिए उन्हें फाइल तैयार करके जन्म प्रमाणपत्र विभाग में जमा करानी होगी। इसके बाद उनके प्रमाणपत्र में सरनेम जोड़ दिया जाएगा। 1 ऐसा आदेश स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने जन्म प्रमाणपत्र विभाग के इंचार्जो को पत्र भेजकर दिया है। गौर हो कि जन्म प्रमाणपत्र बनने के बाद उसमें वास्तविक नाम के साथ उर्फ तो जोड़ा जाता था, लेकिन सरनेम जोड़ने का प्रावधान नहीं था। पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्म प्रमाणपत्र में सरनेम लिखा होना जरूरी माना जाता है। जिन लोगों के प्रमाणपत्र सरनेम नहीं दर्ज है उन्हें पासपोर्ट बनवाने में दिक्कत आ रही है।
ऐसे होगी फाइल तैयार
जिस भी युवक व युवती के जन्म प्रमाणपत्र में सरनेम जुड़वाना है। इसके लिए उन्होंने फाइल तैयार करवानी होगी। इसमें जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल प्रमाणपत्र, आधार कार्ड और राशन कार्ड की फोटो कॉपी लगेगी। इस फाइल को जन्म प्रमाणपत्र विभाग में जमा कराना होगा। इसके कुछ दिन बाद जन्म प्रमाणपत्र बन जाएगा।
रोज आते हैं चार से पांच केस
जन्म प्रमाणपत्र विभाग में हर रोज चार से पांच लोग अपने लड़के व लड़कियों के जन्म प्रमाणपत्र सरनेम जुड़वाने आते हैं। कर्मचारी भी नियमों में बंधने की वजह से उनका काम नहीं कर पाते हैं। नया नियम लागू होने से ऐसे लोगों को राहत मिलेगी और उनके बेटी बेटी विदेश में पढ़ने जा सकेंगे। dj
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