चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य के निजी शिक्षण संस्थानों को राहत जारी रखते हुए पंजाब शॉप एंड स्टेब्लिशमेंट एक्ट को लागू करने पर लगाई रोक जारी रखी है। सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पक्ष की मांग पर बेंच ने जवाब दायर करने के लिए समय देते हुए 29 मई के आदेश को जारी रखने का आदेश भी दिया। 1 गत 29 मई को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार द्वारा जारी उस अधिसूचना पर रोक लगा दी थी जिसके तहत राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों को व्यापारिक संस्थान घोषित कर दिया गया था। इस मामले में हरियाणा के आइडल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार द्वारा 8 जून 2011 को जारी उस अधिसूचना को चुनौती दी थी जिसके तहत राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थान पंजाब शॉप एंड स्टेब्लिशमेंट एक्ट एक्ट 1958 के दायरे में लाकर व्यापारिक संस्थान घोषित कर दिया। याचिकाकर्ता के वकील के अनुसार इस तरह का एक्ट केवल फैक्टरी, इंडस्ट्री, व्यापारिक संस्थान के लिए होते हैं। शिक्षण संस्थान का स्टाफ व उसकी कार्य प्रणाली फैक्टरी, इंडस्ट्री, व्यापारिक संस्थान से बिल्कुल अलग है। ऐसे में दोनों तरह के संस्थान पर इस तरह का कानून लागू करना अनुचित ही नहीं गैर कानूनी भी है। इससे पहले भी हरियाणा सरकार ने 28 फरवरी 1997 को भी यही नोटिफिकेशन जारी की थी जिसे बाद में हाई कोर्ट में चुनौती दे दी गई थी बाद में हरियाणा सरकार ने ही वर्ष 2005 में वापस ले लिया था। अब सरकार ने दोबारा 8 जून 2011 को यह नोटिफिकेशन जारी कर दी है जो बिल्कुल गलत और गैर-कानूनी है। बिहार में भी वहां की सरकार ने एक ऐसी नोटिफिकेशन जारी की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी शिक्षण संस्थानों को व्यावसायिक संस्थान माने जाने से साफ़ मना कर दिया था। याचिकाकर्ता ने बेंच को बताया कि पिछले महीने इस एक्ट के आधार पर उनको लेबर इंस्पेक्टर के नोटिस मिले हैं। dj
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