** तीन को पहले ही बर्खास्त कर चुका विभाग
बच्चों को पढ़ाने वाले गुरुजी की खुद की डिग्री संदेह के घेरे में है। शिक्षा विभाग में अभी ऐसे बहुत से गुरुजी हैं, जिनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर शिकायत मुख्यालय के पास जा चुकी है। ऐसे में जांच के बाद एक फिर से बड़ा खुलासा सामने सकता है।
9 शिक्षकों की डिग्री आजतक जमा नहीं
शिक्षा विभाग में कार्यरत जिला के शिक्षकों की डिग्री पर सबसे पहले सवाल तब खड़ा हुआ था जब हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के पूर्व प्रधान ओमप्रकाश ने वर्ष 2003 में मुख्यालय को एक पत्र भेजा था। इस शिकायती पत्र में ओमप्रकाश ने 70 मास्टरों की लिस्ट सौंपी थी, जिन्होंने बुंदेलखंड विवि से वर्ष 1998 से 2000 के बीच एमए की डिग्री ली थी।
ओमप्रकाश ने आरोप लगाया था कि इनमें से अधिकांश मास्टरों की डिग्री फर्जी है तथा इसी फर्जी डिग्री के आधार पर इन मास्टरों ने विभाग में लेक्चरर के पद पर प्रमोशन हासिल किया। ओमप्रकाश की इस सनसनीखेज शिकायत पर जांच हुई तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। विभाग की प्रारंभिक जांच में ही तीन शिक्षकों की डिग्री को फर्जी पाया गया और उन्हें वर्ष 2012 में सेवा से ही बर्खास्त कर दिया गया। ऐसी ही एक कार्रवाई हाल फिलहाल फिर से शुरू हुई है। विभाग के पास ऐसे 9 शिक्षकों की शिकायत भी भेजी गई है जिन्होंने एमए की अपनी मार्कशीट के आधार पर प्रमोशन तो बहुत पहले ही ले लिया लेकिन आजतक भी उनकी डिग्री जमा नहीं हुई है। बगैर डिग्री के प्रमोशन लेने वाले एक शिक्षक पर पहले गाज भी गिर चुकी है।
सामने आ चुका है फर्जीवाड़ा
शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा सामने आने का सिलसिला काफी समय से चल रहा है। एक टीचर जिसकी ड्यूटी बोर्ड परीक्षाओं में लगी हुई थी उक्त शिक्षक ने उसी दौरान एमए की परीक्षाएं भी दी। इस मामले की जांच हुई तो मालूम चला कि शिक्षक वहां पर परीक्षा देने के लिए गया ही नहीं।
शिकायतों पर चल रही है जांच : विशेष सचिव
स्कूल एजुकेशन विभाग के विशेष सचिव विवेक अत्रे का कहना है कि जो भी शिकायतें रही है, उनकी जांच स्पेशल कमेटी से कराई जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएगा, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। dbrwd
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