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Friday, 17 October 2014

एचपीएससी ने नष्ट किया भर्ती रिकॉर्ड

** एचसीएस-2011 नियुक्ति पर उठे थे सवाल 
** मंत्री, सीएमओ में ओएसडी और अफसरों के कई चहेतों का हुआ था चयन 
चंडीगढ़ : हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (एचपीएससी) ने वर्ष 2011 की भर्ती का रिकॉर्ड नष्ट कर दिया है। इस भर्ती को लेकर पिछले कई माह से सवाल उठ रहे हैं। इसकी वजह यह है कि इसमें एचपीएससी चेयरमैन, मंत्री, मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में तैनात ओएसडी समेत अफसरों के कई बेटे-बेटी और परिचितों का सेलेक्शन हुआ था। नियमों के अनुसार कमीशन में पहले किसी भी भर्ती प्रक्रिया का रिकॉर्ड (आंसर शीट, मार्कशीट आदि) सेलेक्शन रिजल्ट घोषित होने के एक साल बाद तक सुरक्षित रखा जाता था। कमीशन ने 9 जून, 2014 को भर्ती प्रक्रिया का 6 माह तक का ही रिकॉर्ड सुरक्षित रखे जाने का फैसला किया। इसके लिए उसने अपने वकील से राय लेने का तर्क दिया। लेकिन रोचक यह कि कमीशन ने वकील से मशविरे के पहले पहले 19 मई, 2014 को ही एचसीएस भर्ती का रिकॉर्ड नष्ट कर दिया। 
कमीशन ने चरखी दादरी के एक आवेदक प्रदीप श्योराण की आरटीआई अप्लीकेशन के जवाब में इसे स्वीकार भी किया है। श्योराण का आरोप है कि 2011 की एचसीएस भर्तियां विवादों में गई थी। रिकॉर्ड इसलिए नष्ट किया गया, ताकि नई सरकार इस मामले की जांच ही नहीं कर सके। कमीशन अब केवल उन आवेदकों के रिकॉर्ड सुरक्षित रखने की बात कह रहा है, जिनकी आरटीआई पेडिंग है अथवा कानूनी प्रक्रिया लंबित है। जबकि, इसमें सेलेक्ट हुए सभी आवेदकों का रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाना चाहिए था। 
राज्यपाल ने भी मांग रखा है जवाब 
वर्ष 2011 की एचसीएस भर्ती का रिकॉर्ड नष्ट करने के मामले में राज्यपाल ने भी मुख्य सचिव के माध्यम से कमीशन से तथ्यात्मक टिप्पणी मांग रखी है। इस बारे में कमीशन के सचिव आईसी सांगवान का कहना है कि राज्यपाल को तथ्यात्मक जवाब भेजा जा चुका है। 
...रिश्वतखोरी पर दी नौकरियां : चौधरी
रिटायर्ड आईएएस अफसर आरएस चौधरी का कहना है कि कमीशन द्वारा 2011 की एचसीएस भर्ती का रिकॉर्ड नष्ट करने की सूचनाएं काफी समय से रही थीं। कमीशन ने भी अब इसे स्वीकार कर लिया है। दरअसल इस भर्ती में रिश्तेदारी और रिश्वतखोरी के आधार पर कृपा पात्रों को नौकरियां दी गई थीं। अगर इस मामले की सीबीआई जांच होती तो कुछ मंत्रियों, सीएम समेत कई लोग इसके दायरे में आते। इसलिए भर्तियों का रिकॉर्ड ही नष्ट कर दिया गया। 
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत नष्ट किया गया रिकॉर्ड 
"वर्ष 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रीतपाल सिंह बनाम स्टेट ऑफ हरियाणा के मामले में साफ कहा है कि भर्ती बोर्ड को 3 माह तक का रिकॉर्ड ही सुरक्षित रखना है। आयोग में काफी पुराना रिकॉर्ड एकत्रित हो रहा था। इसलिए आयोग के सुप्रीम कोर्ट में लॉयर की राय लेने के बाद 6 माह तक का रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का फैसला किया। वर्ष 2011 की भर्ती समेत 15-20 साल का बाकी रिकॉर्ड नष्ट किया गया है। भर्ती को लेकर जो लोग कोर्ट गए हैं या जिनकी आरटीआई पेंडिंग है उनका रिकॉर्ड सुरक्षित है। पहले रिकॉर्ड नष्ट नहीं किए गए हैं। आयोग ने चयनित अभ्यर्थियों की रिकमंडेशन सरकार को नवंबर, 2013 में की थी। इस हिसाब से 6 माह की अवधि 27 अप्रैल, 2014 को ही पूरी हो जाती है।" --आईसीसांगवान, सचिव,एचसीएससी                                          db

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