नई दिल्ली : गैर सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों में गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा न देने के मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी व न्यायमूर्ति आरएस एंडलॉ की खंडपीठ ने उक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए सेंट कोलंबस स्कूल, डीडीए, उपराज्यपाल व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
इस मामले में सोशल ज्यूरिस्ट नामक संस्था ने एक सदस्यीय खंडपीठ के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें एक सदस्यीय खंडपीठ ने कहा था कि गैर सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूल गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने के लिए बाध्य नहीं हैं। चाहे इस तरह की शर्त उनको जमीन एलॉट करते समय लगाई गई हो। खंडपीठ ने इस मामले में संस्था की तरफ से दायर याचिका पर सभी पक्षों से जवाब मांगा है। साथ ही सभी पक्षों से कहा है कि उनके पास मामले से जुड़े कोई कागजात हैं तो अदालत में दायर कर दें। अब इस मामले में 3 नवंबर को सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ता संस्था की तरफ से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने दलील दी कि जो भी स्कूल सरकारी जमीन पर हैं, उन पर गरीब बच्चों को बीस प्रतिशत तक निशुल्क शिक्षा देने का नियम लागू होता है। चाहे वह अल्पसंख्यक स्कूल ही हो। दलील दी कि अंतरिम आदेश लेने के बाद अल्पसंख्यक स्कूलों ने वर्ष 2014-15 के शैक्षणिक सत्र में किसी गरीब छात्र को दाखिला नहीं दिया। dj
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