चंडीगढ़ : लिपिक वर्गीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पहली नवंबर से पंजाब के समान वेतनमान न मिलने पर मायूस हैं। भाजपा सरकार द्वारा पंजाब के समान वेतनमान देने के कांग्रेस सरकार के निर्णय की समीक्षा कराए जाने को लेकर कर्मचारियों ने नाराजगी जताई है। चूंकि हुड्डा सरकार के समय इसके लिए ये लंबा आंदोलन चला चुके हैं। कर्मचारियों ने 477 दिन तक कुरुक्षेत्र में पूर्व वित्त मंत्री हरमोहिंदर सिंह चट्ठा के निवास पर धरना दिया था।
हरियाणा मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन के राज्य प्रधान महेंद्र प्रताप गुलिया, महासचिव सतीश सेठी व प्रेस प्रवक्ता संदीप सागवान ने कहा कि भाजपा सरकार के फैसले से प्रदेश भर के लिपिक वर्गीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। पंजाब के समान वेतनमान को लेकर कर्मचारियों ने लगातार तीन साल तक आंदोलन किया है। भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब के समान वेतनमान की मांग को जायज मानते हुए इसे अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी शामिल किया था। भाजपा विधायक दल के नेता और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री अनिल विज कांग्रेस सरकार के समय पंजाब के समान वेतनमान लागू करने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव भी रख चुके हैं। जब भाजपा इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल कर चुकी है तो अब किसी प्रकार की समीक्षा करने की आवश्यकता नहीं बनती। हरियाणा मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन मांग करती है कि सरकार समीक्षा को छोड़कर अपने वादे के अनुसार लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के लिए तत्काल पंजाब के समान वेतनमान लागू करे। dj
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