.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Wednesday, 29 October 2014

खजाने की हालत से नई सरकार चिंतित

** प्रदेश 81 हजार करोड़ रुपये से अधिक कर्ज व पांच हजार करोड़ के राजस्व घाटे तले दबा 
** मुख्यमंत्री ने कैबिनेट सहित जानी राज्य की वित्तीय हालत
** जनता से किए वादे सरकारी कोष के मुताबिक धीरे-धीरे होंगे पूरे 
चंडीगढ़ : प्रदेश की भाजपा सरकार को विरासत में मिली वित्तीय स्थिति ने चिंता में डाल दिया है। प्रदेश 81 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज तले दबा है और पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व घाटा ङोल रहा है। लिहाजा सरकार सोच-समझकर ही वित्त के मामले में निर्णय लेगी। पूर्व कांग्रेस सरकार की प्रक्रिया में चल रही लोक लुभावन घोषणाओं पर भी इसलिए ही रोक लगाई गई है, ताकि प्रदेश की माली हालत सुधारी जा सके। 
यही कारण है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कामकाज संभालने के साथ ही सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद राज्य की वित्तीय स्थिति भी खंगाली है। वित्तीय स्थिति का अध्ययन करने में कैबिनेट मंत्री भी उनके साथ थे। वित्त विभाग के अधिकारियों से सरकारी कोष का सारा ब्योरा एक-एक कर मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने समझा। इसके बाद सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि जनहित के काम जारी रहेंगे और फिजूलखर्ची पर तत्काल नकेल कसी जाएगी।
भाजपा सरकार जनता के साथ चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादों को भी वित्तीय स्थिति सुधार कर धीरे-धीरे ही पूरा करेगी। सरकार एकाएक ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी, जिससे वित्तीय स्थिति चरमरा जाए। कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ का कहना है कि प्रदेश पर हजारों करोड़ रुपये का कर्ज और राजस्व घाटा है। इसलिए सरकार फूंक-फूंक कर हर कदम उठाएगी। जनता से किए वादों को पांच वर्ष में हर हाल में पूरा किया जाएगा। प्रदेश में संसाधनों की कमी नहीं है। सरकार की इच्छा शक्ति दृढ़ है, इसलिए जनता सुधार के कामों में सरकार के साथ खुद ब खुद जुड़ती जाएगी। 
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार घोषणा सरकार बनकर रह गई थी। चुनाव के मद्देनजर निर्णय लिए गए। पूर्व सरकार की जनता के प्रति कोई जवाबदेही नहीं थी। भाजपा सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है, उसका अपना घोषणा पत्र और एजेंडा है, जिन्हें नई सरकार अपने सिद्धांतों के मुताबिक आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान डीजल का मूल्य तय करने का नियंत्रण कंपनियों के हाथ जाने से घबराए नहीं, केंद्र सरकार की तेल कंपनियों पर पैनी निगाह है। मनमानी किसी सूरत में नहीं होने दी जाएगी।                                                       dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.