जींद : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा मार्किग में हाई स्कूल लेक्चरर की ड्यूटी लगाने का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि एक और विवाद सामने आ गया है। मार्किग में सीनियर शिक्षक अपने जूनियर शिक्षक के अधीन काम करने को मजबूर हैं। दसवीं व बारहवीं कक्षा की मार्किग के दौरान बोर्ड ने स्कूलों में कार्यरत वोकेशनल शिक्षकों को हैड एग्जामिनर बना दिया है। वोकेशनल शिक्षक तृतीय श्रेणी में आते हैं और उनका ग्रेड पे भी मास्टर वर्ग के समान 4200 रुपये का है। वहीं दूसरी तरफ द्वितीय श्रेणी में आने वाले स्कूल लेक्चरर मार्किग के दौरान वोकेशनल शिक्षकों के अंडर में काम कर रहे हैं। मार्किग के दौरान जहां वोकेशनल शिक्षक हैड एग्जामिनर बनाए गए हैं जबकि स्कूल लेक्चरर को सब एग्जामिनर बनाया गया है, जो वरिष्ठता व श्रेणी की अनदेखी है। स्कूल लेक्चरार द्वितीय श्रेणी में आते हैं और उनका ग्रेड पे भी वोकेशनल शिक्षकों से ज्यादा है। मार्किग के दौरान हैड एग्जामिनयर ओवर आल इंचार्ज होता है और वह सब एग्जामिनर द्वारा की गई कापी चेकिंग में से तीन-तीन कापियों का मूल्यांकन करता है ताकि वह देख सके कि मूल्यांकन ठीक प्रकार से हुआ है या नहीं? वहीं बोर्ड अधिकारियों की मानें तो हैड एग्जामिनर का काम सीनियर शिक्षक को दिया जाता है, लेकिन फिलहाल चल रही मार्किग के दौरान ऐसा देखने में नहीं आया है।
डबल किया जाए मानदेय व भत्ता :
हरियाणा स्कूल लेक्चरार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजबीर रेढू ने कहा कि बोर्ड अधिकारियों के आग्रह पर छुट्टियों में उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने की बात एसोसिएशन ने मान लिया है ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो सके। उन्होंने मांग की कि सीबीएसइ की तरफ पर छुट्टी के दिन काम करने पर डबल मानदेय व भत्ते दिए जाएं। द्वितीय सेमेस्टर में यदि ऐसा नहीं हुआ तो एसोसिएशन इसका विरोध करेगी। dj
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