जींद : राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चल रही बारहवीं कक्षा की मार्किग व्यवस्था की उस समय पोल खुलती नजर आई, जब छात्रएं ही उत्तर पुस्तिकाओं को चैक करती नजर आई। यही नहीं उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के बाद उनके बंडलों को उठाकर स्टोर में रखने का काम भी किया गया। इस मामले में जब स्कूल प्रिंसिपल से बातचीत की गई तो उन्होंने पहले तो स्कूल में बच्चों के नहीं आने की बात कही, लेकिन बाद में इतना भी कहा कि स्वच्छता अभियान के चलते कुछ बच्चों से स्कूल की सफाई कराई थी, हो सकता है कि पुराने पेपर आदि बच्चों ने हटाकर रखे हो, लेकिन मार्किग का काम नहीं किया गया।
पिछले तीन दिन से राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बारहवीं कक्षा की मार्किग का काम जारी है। बृहस्पतिवार को भी मार्किग की जा रही थी। इस दौरान छात्राओं से मार्किग का काम कराया गया। यही नहीं छात्रओं द्वारा जब पेपर मार्किग का काम किया जा रहा था तो उस समय अन्य उत्तर पुस्तिकाएं भी वहां सरेआम टेबलों पर पड़ी हुई थी।
मार्किग के बाद छात्रओं से उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल भी छात्राओं से उठवाए गए। जो छात्रएं स्कूल में उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कर रही थी, वह बाकायदा स्कूल की यूनिफार्म में थी।
नया नहीं है ऐसा मामला
स्कूली छात्र-छात्राओं से उत्तर पुस्तिकाओं की मार्किग का काम पहला नहीं है। कुछ साल पहले सफीदों में भी स्कूली छात्रों से उत्तर पुस्तिकाएं मार्किग कराने का मामला सामने आया था। तब विवाद ने खूब तुल पकड़ा था। "उनके स्कूल में आज बच्चे आए ही नहीं। लड़कों वाले स्कूल में स्वच्छता कार्यक्रम था, जहां स्कूल के बच्चे गए हुए थे। हो सकता है कि बाद में कुछ बच्चों ने स्कूल में आकर स्कूल में हुए सफाई कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने अलमारी सफाई की हो और पुराने पेपर आदि उठाए हो। किसी बच्चे द्वारा मार्किग का काम नहीं किया गया और न ही उत्तर पुस्तिकाओं को उठाकर स्टोर आदि में रखने का काम किया गया है।"--आजाद लाठर, प्रिंसिपल एवं चीफ कोर्डिनेटर मार्किग, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय।
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