कंप्यूटर शिक्षकों से अवैध तरीके से सिक्योरिटी वसूलने वाली कंपनियों ने अपने टर्मिनेशन प्रोसेस के खिलाफ कोर्ट में जो याचिका दायर की थी कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया। कोर्ट ने मामले को वापस शिक्षा विभाग के पास भेज दिया है। कंपनियों पर अब क्या कार्रवाई करनी है, यह सब शिक्षा विभाग को ही निर्धारित करना है। कंपनियों पर लगाम कसने के बाद अब कोर्ट के इस निर्णय से एक बार फिर कंप्यूटर शिक्षकों को अपनी वसूली गई अवैध सिक्योरिटी वापस मिलने की उम्मीद जगी है। शिक्षकों ने कई बार शिक्षा विभाग को अवैध तरीके से करोड़ों रुपए के घोटाले पीएफ में भी चपत लगाने की बात कही थी। कंप्यूटर शिक्षकों को चपत लगाने की बात कही थी।
शिक्षा विभाग ने कंपनियों के टर्मिनेशन तक की तैयारी कर दी गई थी। 15 सितंबर को जिला शिक्षा अधिकारियों ब्लॉक एजूकेशन अधिकारियों को जारी पत्र में विभाग ने कंपनियों की धांधली उनके टर्मिनेशन प्रोसेस का उल्लेख किया था। विभाग की ओर से जारी पत्र में माना गया है कि कंपनियों ने कंप्यूटर शिक्षक भर्ती के नाम पर 24-24 हजार रुपए सिक्योरिटी मनी अवैध तरीके से लिए हैं।
इतना ही नहीं ईएसआई पीएफ में भी धांधलेबाजी की गई है। 25 जुलाई को विभाग की ओर से कंपनियों को टर्मिनेशन नोटिस भेजा गया था। टर्मिनेट होने के डर से कंपनियों ने पंचकुला कोर्ट में ऑर्बिटेशन याचिका दायर करके मध्यस्थता की मांग की थी। कोर्ट में मामला जाने के बाद शिक्षा विभाग ने अपनी कार्रवाई रोक दी थी। अब कोर्ट ने कंपनियों की इस याचिका को खारिज कर कहा है कि इस मामले में शिक्षा विभाग ही मध्यस्थता कर सकता है और निर्णय भी विभाग को ही लेना है।
कंपनियों के खिलाफ दिए 25 साक्ष्य
कंपनियों की धांधली अब तो विभाग से छिपी है और ही कंप्यूटर टीचरों से। कंप्यूटर टीचर वेलफेयर एसोसिएशन ने कंपनियों द्वारा की गई धांधली की पूरी रिपोर्ट बनाकर विभाग को सौंप दी है। एसोसिएशन की इस रिपोर्ट में 25 ऐसे साक्ष्य दिए गए हैं जो साफ तौर पर दर्शाते हैं कि कंपनियों ने अवैध तरीके से करोड़ों वसूले और नियमों को ताक पर रखकर शिक्षकों को चूना लगाया।
15 दिन के नोटिस पर रद्द हो सकता है एग्रीमेंट
2 जून 2014 को प्रदेश सरकार की ओर से एक नोटिस जारी करके सभी विभागों के अधिकारियों को साफ तौर पर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए नई नीति की जानकारी दी गई थी। नई नीति के तहत इन कर्मचारियों की न्यूनतम तनख्वाह निर्धारित की गई थी। इसके साथ ही कर्मचारियों का पीएफ ईएसआई काटना भी आवश्यक किया गया था। विभाग के इस पत्र में साफ तौर पर लिखा है कि अगर कंपनियां इन नियमों को नहीं मानती हैं, तो 15 दिन के नोटिस पर उनके साथ एग्रीमेंट खत्म किया जा सकता है। कंप्यूटर शिक्षकों के मामले में धांधली कर रही कंपनियां को तो विभाग कई नोटिस पहले ही जारी कर चुका है।
अब तो कार्रवाई करे विभाग: बलराम धीमान
कंप्यूटर टीचर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान बलराम धीमान का कहना है कि कंपनियों के कोर्ट में जाने के बाद विभाग ने उनके टर्मिनेशन में लाचारी दिखाई थी, लेकिन अब विभाग कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है। कंप्यूटर शिक्षकों से वसूली गई अवैध सिक्योरिटी वापस दिलाई जाए तथा कंपनियों से कंप्यूटर शिक्षकों को मुक्त कराया जाए यही एसोसिएशन की मांग है। dbrwd
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