राज्य में शिक्षा क्षेत्र में संभावनाओं की कोई कमी नहीं, प्रतिभाएं भी भरपूर हैं, संसाधनों का कभी अभाव नहीं रहा पर इस सबके बावजूद उत्साहजनक स्थिति नहीं बन पा रही। इसके लिए कई कारण एक साथ गिनाए जा सकते हैं। पहला तो यह कि संभावनाओं और स्थितियों में संयोजन की ओर विभाग का ध्यान ही नहीं, क्षमता और संसाधनों का अनुमान लगाने के बजाय जल्द से जल्द परिणति तक पहुंचने की ललक हर लक्ष्य से भटका देती है। जींद के सरकारी कन्या विद्यालय में छात्रओं से बारहवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने का एक और मामला सामने आया है। सूचना के मुताबिक छात्रओं ने बाकायदा मूल्यांकन किया और उत्तर पुस्तिकाओं के बंडल बना कर स्टोर में वापस जमा करवाए। बंडल लाने, चेक करने और वापस रखने की प्रक्रिया के दौरान छात्रओं से कोई उत्तर पुस्तिका गुम हो जा जाए या खराब हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा? स्कूल के कमरे में उत्तर पुस्तिकाएं बेतरतीब पड़ी थीं। स्कूल के प्रिंसिपल का यह कहना केवल बात छिपाने की कोशिश माना जाएगा कि विद्यालय में विद्यार्थी आए ही नहीं। बाद में उनका यह भी कहना था कि राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान के तहत कुछ बच्चों से स्कूल की सफाई करवाई गई थी। यहां व्यवस्था से जुड़ा गंभीर सवाल उठ खड़ा हुआ है। गहन जांच का विषय है कि अध्यापकों ने मूल्यांकन कार्य छात्रओं को कैसे सौंप दिया? इस खिलवाड़ से यदि किसी विद्यार्थी के भविष्य से खेल हो गया तो सजा कौन भुगतेगा? परिपक्वता पाने की उम्र, प्रक्रिया से गुजर रही छात्राएं गंभीर परीक्षक या मूल्यांकनकर्ता कैसे हो सकती हैं? विडंबना है कि शिक्षा विभाग की कार्य शैली और प्रक्रिया में बार-बार छिद्र दिखाई देने लगते हैं पर गंभीर कार्रवाई के लिए तत्परता नहीं दिखाई जाती।
इसी जींद जिले के सफीदों में कुछ अर्सा पूर्व छात्रओं द्वारा मूल्यांकन का मामला सामने आने के बाद खूब हो हल्ला मचा था। कड़ी कार्रवाई के आदेश भी दिए गए थे लेकिन जींद में ऐसे मामले की पुनरावृत्ति होने से अहसास हो रहा है कि किसी स्तर पर गंभीरता नहीं दिखाई गई। शिक्षा विभाग को सुनिश्चित करना होगा कि परीक्षा की गोपनीयता, शुचिता के साथ छेड़छाड़ किसी कीमत पर न हो और न ही मूल्यांकन प्रक्रिया की गरिमा से खिलवाड़ किया जाए। दोषियों पर ऐसी कार्रवाई हो जो अन्य के लिए सबक बन जाए। परीक्षा प्रणाली बेदाग रखने के लिए तय किए गए मानकों का कड़ाई से पालन हो, इसके लिए सक्षम निगरानी तंत्र विकसित किया जाना चाहिए। djedtrl
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