** पिछले सत्र में 9वीं और 11वीं में किया गया था प्रयोग, अगले सत्र से दसवीं और बारहवीं में भी होगा लागू
हिसार : विद्यार्थियों के तनाव को कम करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अगले सत्र से 10वीं और 12वीं में भी (ओटीबीए) ओपन टेक्स्ट बेस्ड असेसमेंट लागू करने की तैयारी में है, जिसके बाद विद्यार्थी किताब सामने रखकर परीक्षा दे सकेंगे।
वर्तमान शैक्षिक सत्र में सीबीएसई ने कक्षा नौ और ग्यारह के लिए ओटीबीए लागू कर रखा है। ओटीबीए में विद्यार्थियों के लिए दस अंक निर्धारित किए हैं, जो उनके परिणाम में जुड़ेंगे। इसमें परीक्षा की सामग्री उपलब्ध कराना और उसके आधार पर ही प्रश्न पूछे जाते हैं, ताकि विद्यार्थियों को रटने वाली पढ़ाई से निजात मिल सके।
यह है ओटीबीए
विद्यार्थियोंको सममेटिव टू एग्जाम में ओटीबीए की परीक्षा देनी होती है। इसमें विद्यार्थी को छूट रहती है कि वह संबंधित विषय की किताब को देखकर प्रश्नों को हल सकता है, लेकिन दूसरी ही तरफ सीबीएसई जो प्रश्न पत्र तैयार करता है विद्यार्थी को उसे अच्छे तरीके से समझना होगा, जिसके बाद ही किताब से उसका उत्तर लिख पाएगा।
"ओटीबीए अभी 9वीं और 11वीं में ही लागू है। 10वीं और 12वीं में लागू करने के लिए गाइडलाइन अभी नहीं आई है। हालांकि इस पर तैयारी चल रही है। उम्मीद है कि आगामी सत्र में यह लागू हो जाए।''--हरीशसचदेवा, प्रधानाचार्य दिल्ली पब्लिक स्कूल
यह कहते हैं विद्यार्थी
अर्बन एस्टेट निवासी 10वीं की छात्रा सुरभि का कहना है कि ओटीबीए लागू होने से काफी फायदा मिलेगा। वहीं, 12वीं के छात्र कमलदीप और विक्की का कहना है कि ओटीबीए लागू होने से किताबों से पाठ का रटना कम हो जाएगा।
तर्कशक्ति को बढ़ाना है उद्देश्य
सीबीएसई का मानना है कि अकसर परीक्षाओं के लिए विद्यार्थी किताब रटते हैं, जिससे वह तनाव में जाते हैं। इस प्रयोग में विद्यार्थियों को उसका टॉपिक समझने के लिए अपनी तर्कशक्ति का उपयोग करना होगा। इससे विद्यार्थी को भविष्य में भी काफी फायदा होगा। db
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