** केयू में 350 से अधिक शिक्षक कांट्रेक्ट पर कर रहे काम और 1300 से अधिक गैर शिक्षक कर्मचारी हैं ठेके पर
कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में साल 2014 में विभिन्न विभागों से 125 कर्मचारी और शिक्षक सेवानिवृत्त हुए। वहीं भर्तियों के नाम पर केयू में स्टेनो की 32 और हेल्थ अटेंडेंट और हॉस्टल सुपरवाइजर के एक-एक पद पर ही नियुक्ति हो पाई।
इसके अलावा क्लर्कों की भर्ती परीक्षा के बाद से ठंडे बस्ते में चली गई है। वहीं वर्ष 2014 में शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई और भर्तियों के लिए यूनिवर्सिटी तरसती रह गई।
हालांकि पूरा साल केयू शिक्षक कर्मचारी भर्तियों की मांग करते रहे लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई। वर्तमान में केयू में 350 से अधिक शिक्षक कांट्रेक्ट पर काम कर रहे हैं वहीं 1300 से अधिक गैर शिक्षक कर्मचारी ठेके पर हैं।
क्लर्कभर्ती की उम्मीद :
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में वर्ष 2014 में सेल्फ फाइनेंस और बजटिड क्लर्कों के 136 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई। इसके बाद इसका परिणाम घोषित भी हुआ लेकिन इसके इंटरव्यू का शेड्यूल जारी नहीं हो पाया। इसके बाद प्रदेश में पहले लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लग गई और उसके बाद विधानसभा चुनाव के चलते चुनाव आचार संहिता लगी। जिसके कारण भर्ती ठंडे बस्ते में चली गई। अब प्रदेश में नई सरकार का गठन भी हो चुका है। ऐसे में परीक्षा को पास करने वाले आवेदकों को उम्मीद है कि नए साल में क्लर्क की भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू होगी। केयू में इस समय गैर शिक्षक कर्मचारियों के सैकड़ों पद खाली पड़े हैं। जिसके चलते आउटसोर्सिंग के तहत केयू में 1300 से अधिक कर्मचारी काम पर रखे हुए हैं।
शिक्षकों की भर्ती की मांग प्रमुख:
केयू में इस समय 350 शिक्षक कांट्रेक्ट पर काम कर रहे हैं। इससे साफ है कि केयू में शिक्षकों की कमी है। इसके बावजूद केयू प्रशासन ने वर्ष 2014 में एक भी शिक्षक की भर्ती नहीं हो पाई। कुटा प्रधान डॉ. अनिल गुप्ता पूर्व सचिव डॉ. परमेश कुमार ने कहा कि कुटा के एजेंडे में शिक्षकों की भर्ती की मांग प्रमुख है। उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर वे कई बार केयू प्रशासन से मिल भी चुके हैं। इसके बावजूद शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई। db
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