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Tuesday, 6 January 2015

17 स्कूलों में 69.30 लाख का घोटाला, 3 प्रिंसिपल के खिलाफ केस की सिफारिश

** 14 मुख्याध्यापकों को भी भेजे गए लाखों रुपए की रिकवरी के नोटिस 
अम्बाला सिटी : अम्बाला के 17 स्कूलों में हुए 69.30 लाख रुपए का घोटाला उजागर हुआ है। एजुकेशन डिपार्टमेंट ने घोटाले में फंसे सभी 17 प्राचार्य मुख्याध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। तीन के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने की सिफारिश की गई है। 14 को रिकवरी नोटिस भेजे गए हैं। 7 जनवरी तक अगर इन प्राचार्यों ने घोटाले की रकम जमा नहीं कराई तो इनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराने की बात कही जा रही है। इनमें दिलचस्प मामला भरेड़ी कलां के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल का है। किचन शेड एचएम रूम बनाने के नाम पर यहां 16.72 लाख रुपए गबन हुआ। मगर किचन शेड बना, ही रूम। हैरानी की बात है कि तत्कालीन प्राचार्य के रिटायर होने के बाद अब डिपार्टमेंट ने उसके खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया है। 
तीन दिन में एफआईआर के आदेश: 
हरियाणा स्कूल शिखा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना के उपनिदेशक ने 26 दिसम्बर 2014 को एक लेटर के जरिए एसएसए अम्बाला समेत सभी जिलों के परियोजना संयोजकों को ये आदेश दिए थे कि जिन स्कूलों के प्राचार्य मुख्याध्यापकों ने परिषद की ओर से स्कूलों के लिए स्वीकृत राशि का सही इस्तेमाल नहीं किया, उनके खिलाफ तीन दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
इन पर दर्ज होगा केस 
शिक्षा विभाग की ओर से राजकीय सीनियर सेकेंडरी खुड्डा कलां के प्राचार्य रहे सतबीर सिंह के साथ भरेड़ी कलां सीसे स्कूल के रिटायर्ड प्राचार्य राजकुमार राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल माजरी के प्राचार्य अनिल शर्मा के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज कराने की सिफारिश पुलिस को की है। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर 2010-11 में खुड्डा कलां स्कूल में निर्माण के लिए 14.32 लाख रुपए जारी किए गए थे। मगर अभी तक तत्कालीन प्राचार्य की ओर से 6.84 लाख 700 रुपए का हिसाब नहीं दिया गया। भरेड़ी कलां सीसे स्कूल का मामला तो सबसे दिलचस्प है। स्कूल के लिए जारी 16 लाख 72000 रुपए में से एक फूटी कौड़ी तक खर्च नहीं की गई। प्राचार्य राजकुमार के रिटायर होने के बाद एक पैसे के खर्च का ब्यौरा तक नहीं मिल पाया। कुछ ऐसा ही मामला राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल माजरी का भी है। यहां भी आर्ट लाइब्रेरी रूम के लिए 14.53 लाख 250 रुपए जारी किए गए थे। मगर अभी तक खर्च पैसों का हिसाब ही नहीं मिल पाया। अनिल शर्मा इस समय प्रेमनगर सीसे स्कूल में तैनात है जबकि सतबीर की पोस्टिंग डेयरी फार्म स्कूल में है। 
" यह बिल्कुल सही है कि तीन प्राचार्यों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज कराने की सिफारिश पुलिस को भेजी गई है। इनकी ओर लाखों रुपए की राशि बकाया है। योजना के तहत इन प्राचार्यों को लाखों रुपए जारी किए थे। मगर तीनों ने खर्च पैसे का सही हिसाब नहीं दिया।"--वंदनागुप्ता, डीईओ,अम्बाला                                          db

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