चंडीगढ़ : आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की निजी स्कूलों में मुफ्त पढ़ाई की राह में शिक्षा निदेशालय रोड़ा बना हुआ है। मूल्यांकन परीक्षा दे चुके सात हजार बच्चों का इस सत्र में शायद ही निजी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने का सपना पूरा हो पाए। चूंकि सत्र खत्म होने में महज तीन महीने बचे हैं और अब रिजल्ट घोषित होने पर गरीब बच्चों को निजी स्कूल सिलेबस पूरा न होने का बहाना बनाकर दाखिला देने से इंकार कर सकते हैं।
बच्चों के अभिभावकों ने इन सभी परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के सदस्यों ने दो जमा पांच मुद्दे जनांदोलन के अध्यक्ष सतबीर हुड्डा की अगुवाई में शिक्षा मंत्री को स्पष्ट कर दिया कि अगर जल्द रिजल्ट घोषित नहीं हुआ तो वे आंदोलन शुरू कर देंगे।
शिक्षा निदेशालय के अधिकारी निजी स्कूलों के हाथ में खेल रहे हैं। अगस्त महीने में हुई परीक्षा का रिजल्ट तैयार कर स्कूल शिक्षा बोर्ड सितंबर के आखिर में निदेशालय को भेज चुका है। अभिभावकों ने कहा कि अगर उनके बच्चों को इस सत्र में निजी स्कूलों में शिक्षा नहीं मिल पाई तो वे हाईकोर्ट में शिक्षा निदेशालय पर लापरवाही का केस डालते हुए तीन करोड़ रुपये हर्जाना देने की मांग करेंगे। dj
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