चंडीगढ़ : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के शासन काल में वर्ष 2002 में हुई 65 एचसीएस अधिकारियों की भर्ती से जुडे विवाद पर गुरुवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई।
हाईकोर्ट ने हरियाणा लोक सेवा आयोग के सचिव से पूछा कि किस आधार पर आंसरशीट जांचने का काम दिया जाता है। संबंधित मामले में आंसरशीट जांचने वाले कौन लोग थे और उन्हें किस आधार पर ये काम दिया गया। हाईकोर्ट ने सचिव से यह भी पूछा कि आंसरशीट जांच के लिए क्या नियम बनाए गए हैं। एससीएस भर्ती में जिन आंसरशीट की जांच पर सवाल उठाए जा रहे हैं उनकी जांच तय मानकों के अनुरूप हुई थी या नहीं। कोर्ट ने पूछा कि उत्तर पुस्तिका और उसकी जांच से जुड़े नियम कौन तैयार करता है। हाईकोर्ट द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब अब हरियाणा सरकार को 19 जनवरी तक सीलबंद रिपोर्ट के तौर पर देने का निर्देश दिया गया है।
दायर याचिकाओं में लगाए आरोप
अलग-अलगयाचिकाओं में कहा गया कि चयनित उम्मीदवारों की आंसरशीट में अंकों का फेरबदल कर उन्हें लाभ दिया गया। बड़े स्तर पर भर्ती में धांधली की गई और कई उम्मीदवारों को बिना आंसर दिए अंक दे दिए गए। कुछ मामलों में बाद में आंसरशीट में अंकों को बढ़ा दिया गया। हाईकोर्ट ने कहा कि 12 साल से यह मामला लटक रहा है और अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। अदालती कार्रवाई में देरी का आरोप लगाने वाले अधिकारी यह बताएं कि उनकी ओर से इस मामले का निपटारा करने की दिशा में क्या पहल की गई है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब इस मामले में और देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जल्द ही इस मामले का निपटारा किया जाएगा। db
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