चंडीगढ़ : प्रदेश के कर्मचारियों को राज्य सरकार से वार्ता का समय नहीं मिल पाया है। राष्ट्रीय अवकाश व रविवार के दिन काम लिए जाने से भी उनमें रोष बढ़ रहा है। इसके बदले अवकाश नहीं मिलने से परेशानी और भी बढ़ गई है। सर्व कर्मचारी संघ का आरोप है कि मुख्यमंत्री को वार्ता के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन न तो पत्र का जवाब आया और न ही वार्ता का बुलावा।
सरकार के रवैये को देखते हुए सर्व कर्मचारी संघ ने इस महीने के अंत में राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इसमें कर्मचारी आगे की रणनीति तय करेंगे। संघ ने भाजपा सरकार से अपने चुनाव घोषणा पत्र में दर्ज कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान, अनुबंध टीचर्स सहित सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के वादे को पूरा करने की मांग की है। साथ ही गेस्ट टीचर्स को नौकरी से बर्खास्त करने और गैर व्यवहारिक रेशनलाईजेशन की नीति लागू करने की निंदा की है। सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान धर्मबीर फौगाट, वरिष्ठ उपप्रधान सरबत सिंह पूनिया, मुख्य संगठनकर्ता विरेंद्र सिंह डंगवाल व महासचिव सुभाष लांबा ने सभी विभागों के कर्मचारियों के बड़े पैमाने पर तबादले करने के प्रयासों को कर्मचारियों का ध्यान उनकी मांगों से हटाने का प्रयास बताया है। उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारी वर्ग की मांगों को लटकाने का प्रयास किया और कर्मचारी विरोधी नीतियों को लागू रखा गया तो आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। dj
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