** विभाग द्वारा रैंडम चैकिंग का फैसला
सोनीपत : स्कूल प्रबंधन समिति को अपने फायदे के लिए उपयोग में लाने वाले अब सावधान हो जाएं। स्कूली शिक्षा के निदेशक की ओर से समिति की रैंडम चैकिंग करने का फैसला किया गया है। इसके अंतर्गत स्कूलों में फर्जी समितियों के गठन करने वाले प्रिंसिपलों पर जहां सीधे तौर पर गाज करेगी तो वहीं संबंधित ब्लाक के बीईओ और डीईओ से भी जवाब तलबी की जाएगी।
विभाग की ओर से की जा रही सख्ती के पहले कदम के रूप में अब सभी स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों एवं पदाधिकारियों के नाम एवं उनके फोन नंबर सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। विभागीय जानकारी के अनुसार स्कूलों से संबंधित ये आदेश हाल ही में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ आयोजित एक ट्रेनिंग कैंप में दिए हैं। इस कैंप में सभी जिलों के डीईओ, डीईईओ , बीईओ, बीईईओ, सर्व शिक्षा परियोजना अधिकारी और डिप्टी डीईओ शामिल हुए। विदित हो कि हाल ही में विभिन्न स्कूलों में स्कूल प्रबंधन समिति को लेकर ट्रेनिंग कैंप आयोजित किए गए थे।
इसलिए सार्वजनिक होंगे नाम और नंबर
इसी को ध्यान में रखते हुए स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों के नाम और मोबाइल नंबर स्कूल में डिस्पले करने के आदेश दिए गए हैं ताकि स्कूल मैनेजमेंट कमेटी का मूल उद्देश्य पूरा हो सके। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी का गठन स्कूल प्रशासन पर निगरानी रखने के लिए किया गया था।
यह होगा लाभ :
नंबर सार्वजनिक होने से स्टूडेंट्स या पैरंट्स अपनी परेशानी, किसी प्रकार का कोई सुझाव कमिटी को दे सकेंगे।
कागजों में ही चल रही थी समितियां
कैंप में टीसी गुप्ता ने बताया कि विभाग के अधिकारियों की आेर से जब विभिन्न राजकीय स्कूलों का दौरा किया गया तो पता चला कि वहां स्कूल मैनेजमेंट कमेटी स्कूल प्रशासन महज कागजों में ही काम कर रही थी। यहां तक की जब स्कूल प्रशासन ने इन सदस्यों के बारे में जानकारी मांगी तो स्कूल प्रशासन देने में असमर्थ था। ऐसे में विद्यार्थियों, अभिभावकों को स्कूल से जाेड़ने के रूप में अहम भूमिका निभाने वाली ये समिति फेल थी। db
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