** प्रधान ने भी बढ़ाया आत्मबल बोले, विभाग के लेटर से घबराए नहीं, जागरूकता से उसका जवाब
सोनीपत : बैठक शिक्षा विभाग की ओर से बुलाई गई थी। जिसमें शिक्षा विभाग द्वारा निजी स्कूलों को विभिन्न नियमों से अवगत कराना था, लेकिन यहां चली पूरी तरह से निजी स्कूलों की। उन्होंने पूरी बैठक को अपने नजरिए से चलाया। सबसे पहले डीईओ की ओर से पांच हजार रुपए का डाफ्ट फीस और रेगुलेटरी कमेटी के नाम भिजवाने के लिए कहा गया, जिसे निजी स्कूलों की ओर से केवल सिरे से खारिज कर दिया गया बल्कि कह दिया गया कि इसकी अब कोई आवश्यकता ही नहीं है। विभाग का नियम ही पुराना है।
विभाग जिम्मेदार नहीं :
छुट्टियों को लेकर निजी स्कूलों की मनमर्जी की बानगी शिक्षा अधिकारी के समक्ष ही तब हो गई जब 15 दिसंबर तक एक प्रतियोगिता में उपस्थिति दर्ज करवाने की बात कही गई, जब बैठक मेजबान स्कूल प्रिंसिपल ने कहा कि उनके यहां 14 जनवरी तक अवकाश है तो अधिकारी बोले कि यह विभाग की जिम्मेदारी नहीं है।
डरे नहीं जागरूक होकर जवाब दें :
बैठक से शिक्षा अधिकारियों की रवानगी होने के बाद निजी स्कूल संगठन के प्रधान कुलभूषण ने संगठन के सदस्यों का विभिन्न उदाहरणों से आत्मबल बढ़ाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के किसी भी पत्र को आने के बाद डरना अथवा घबराना नहीं चाहिए, बल्कि जागरूक होकर उसका जवाब देना चाहिए।
नहीं पहुंची जानकारी :
सभी को फार्म छह 31 दिसंबर तक विभागीय कार्यालय में भेजना था, लेकिन अधिकांश स्कूलों की ओर से ऐसा नहीं किया गया। इस फार्म के तहत स्कूलों को विद्यार्थियों से वसूल किए जाने वाली फीस की जानकारी देनी थी। अब विभाग की ओर से उन्हें एक सप्ताह में यह ब्योरा उपलब्ध करवाने को कहा है।
अधिकारियों को गेट से ही लौटना पड़ता है :
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आेमप्रकाश कादियान ने निजी स्कूलों के आगे शिक्षा विभाग के अधिकारियों के हालात बयां करते हुए कहा निजी स्कूलों में कई बार अधिकारियों को गेट से ही लौटना पड़ता है, क्योंकि गेट पर मौजूद कर्मचारी का व्यवहार सही नहीं होता।
आरटीआई से जानकारी देने के बाध्य नहीं :
बैठक में धर्मप्रकाश आर्य ने बताया कि जो स्कूल किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं लेता वह किसी भी प्रकार की आरटीआई का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं है।
134-ए नियम सिर्फ कक्षा प्रथम में ही
निजी स्कूल संगठन की ओर से बैठक में पहुंचे विभिन्न स्कूल संगठन के प्रधान कुलभूषण शर्मा ने कहा कि अब निजी स्कूलों पर नियम 134-ए लागू नहीं होगा। निजी स्कूलों में दाखिला तो होगा, लेकिन सिर्फ कक्षा प्रथम में ही, वह भी आरटीई के तहत होगा, जिसमें फीस की जिम्मेदारी सरकार अथवा विभाग की रहेगी।
फंड जमा करवाते नहीं, मांगते है किट
निजी स्कूल समय पर अपना खेल फंड जमा ही नहीं करवाते, लेकिन स्पर्धा के दौरान खेल किट से लेकर अन्य डिमांड करने में पीछे नहीं। वहीं डीएवीएम स्कूल के प्रिंसिपल वीके मित्तल ने कहा कि आज तक उन्हें विभाग की ओर से करवाए जाने वाले खेलों के नियमों का ही नहीं पता है। db
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