गुहला चीका : शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हरियाणा शिक्षा विभाग ने रेशनेलाइजेशन के तहत अध्यापकों को इधर से उधर करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए विभाग ने एक फार्मूला तैयार किया है जिसके तहत जहां जहां अध्यापक सरप्लस हो जाएंगे उन्हें कमी वाले स्कूलों में भेजकर काम चलाया जाएगा। इसकी शुरुआत प्राइमरी स्कूलों से की जायेगी। सत्र के बीच में अध्यापकों की अदला बदली करने को लेकर अध्यापक संघ ने कड़ा एतराज जताया है। अध्यापक संघ का कहना है कि सरकार नियमित अध्यापकों की भर्तियां करे, ताकि प्रदेश में शिक्षा का माहौल जिंदा रह सके। इस संबंध में मौलिक शिक्षा निदेशक हरियाणा ने प्रदेशभर के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर आदेश दिए हैं कि वे निर्धारित फार्मूले के तहत सरप्लस व कमी वाले स्कूलों के अध्यापकों की सूची 10 जनवरी 2015 तक मुख्यालय को भेजें।
सरप्लस होने पर गेस्ट टीचर जाएगा इस फार्मूले के तहत सरप्लस होने वाले अध्यापकों में सबसे पहले सबसे जूनियर गेस्ट टीचर को उठाया जाएगा। संबंधित स्कूल में यदि कोई अतिथि अध्यापक नहीं है तो फिर पक्के अध्यापकों में से सबसे सीनियर अध्यापक को तब्दील किया जाएगा। पत्र में यह स्पष्ट है कि किसी मुख्य शिक्षक को सरपल्स नही किया जाएगा। सरपल्स होने पर यदि कोई जूनियर नियमित अध्यापक वरिष्ठ अध्यापक की जगह सरपल्स होना चाहता है तो ऐसे केस में दोनों अध्यापकों को लिखित में अपनी सहमति देनी होगी। 70 प्रतिशत तक विकलांग, पूर्व सैनिक कर्मचारी, विधवा, तलाकशुदा, सैनिकों की पत्नी, अविवाहित कन्याओं तथा कपल केस को सरप्लस होने पर भी बिना उनकी मर्जी के स्कूलों से हटाया नहीं जाएगा।
क्या है शिक्षा विभाग का फार्मूला
30 सितंबर 2014 की छात्र संख्या को आधार बनाकर तय किए गए इस फार्मूले में 20 छात्रों पर 1 अध्यापक, 21 से 60 विद्यार्थियों पर 2 अध्यापक, 61 से 90 पर 3 अध्यापक, 91 से 120 पर 4 अध्यापक व 121 से 150 बच्चों तक के प्राइमरी स्कूल में 5 जेबीटी पढ़ाएंगे। यदि बच्चों की संख्या 151 से 200 के बीच रहती है तो 5 ही रहेगी मगर उसमें 4 सामान्य जेबीटी के साथ एक हैड टीचर और जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद प्रत्येक 40 विद्यार्थियों पर एक जेबीटी अध्यापक का पद बढ़ता जाएगा।
अध्यापक संघ की आपत्ति
शिक्षा विभाग द्वारा सत्र के बीच में अध्यापकों को हिलाए जाने को लेकर हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ ने कड़ा एतराज जताया है। संघ के प्रदेश चेयरमैन कुलभूषण शर्मा व प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप सरीन ने यहां जारी एक बयान में कहा कि इस समय यह बच्चों की पढ़ाई से खिलवाड़ करने वाला कदम होगा। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा विभाग को ही पता होगा कि उसने किस आधार पर 150 छात्रों पर 5 व इससे अधिक बच्चों पर 4 टीचर व 1 हैड टीचर दिया है। अध्यापक नेताओं ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून 30 की छात्र संख्या पर एक अध्यापक लगाने की बात करता है पर सरकार 200 बच्चों पर 4 अध्यापक लगाने की बात कर रही है, यह अव्यवहारिक भी है और आरटीई की भावना के भी खिलाफ है। dt
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