निदेशक सेकेंडरी शिक्षा की ओर से जारी पत्र में कंप्यूटर टीचरों व लैब सहायकों की अस्थायी व्यवस्था किए जाने के निर्देशों केसाथ ही उन्हें दिया जाने वाला मासिक मेहनताना भी तय कर दिया गया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि कंप्यूटर टीचरों को मासिक 10 हजार रुपये और लैब सहायकों को मासिक 6 हजार रुपये दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि नौकरी से हटाए जाने से पहले कंप्यूटर टीचरों को मासिक 12 हजार रुपये मिलते थे, जिसमें अब नए सिरे से अस्थायी नियुक्ति देते हुए 2 हजार रुपये की कटौती कर दी गई है।
सरकार ने वादा निभाया, मांग नहीं मानी : सुरेश नैन
कंप्यूटर टीचर संघ के प्रवक्ता सुरेश नैन के अस्थायी तौर पर ही सही, कंप्यूटर टीचरों की नौकरी बहाली का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने उन्हें नौकरी पर लेने का वादा तो निभा दिया, लेकिन उनकी प्रमुख मांग को सिरे से नजरअंदाज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनकी मांग थी कि प्रदेश में करीब 3500 स्थायी पद कंप्यूटर टीचरों के लिए स्वीकृत हैं, जबकि नौकरी के हटाए कांट्रैक्ट कंप्यूटर टीचरों की संख्या 2800 से अधिक नहीं है। नैन ने कहा कि उन्होंने सरकार से मांग की थी कि सरकार स्वीकृत पदों पर उन्हें स्थायी नौकरी दे क्योंकि वे स्थायी पदों केलिए तय योग्यता भी पूरी करते हैं।
लैब सहायकों को स्थायी नियुक्ति दें : सुरेंद्र
कंप्यूटर लैब सहायक संघ के पदाधिकारी सुरेंद्र ने सरकार द्वारा कांट्रैक्ट पर नौकरी बहाली का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को मौजूदा लैब सहायकों को ही स्थायी पदों पर नियुक्ति देनी चाहिए क्योंकि कांट्रैक्ट लैब सहायक निर्धारित योग्यता पूरी करते हैं। सुरेंद्र ने इस समय अपने साथी दयालचंद शर्मा को भी याद किया, जिन्होंने नौकरी बहाली की आस में आखिरकार बीते सप्ताह आत्महत्या कर ली थी
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