सिरसा : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई से
संबंधित स्कूलों में पढ़ाई का स्तर ऊंचा करने के लिए ग्रेडिंग के बजाय ऑडिट
कराएगा। इसके लिए ऑडिट की गाइडलाइंस तैयार कर एक्सपर्ट टीम बना दी गई है।
बता दें कि काफी सालों से सीबीएसई द्वारा एजुकेशन की क्वालिटी चेक करने के
लिए अक्रेडटेशन रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों को ग्रेड दिए जाते हैं, पर अब
वह ऐसा नहीं करेगा। उक्त योजना को स्कूलों के पायदान पर लाने के लिए
सीबीएसई द्वारा एक पत्र भेजकर स्कूलों को जानकारी दी गई है कि जल्द ही
स्कूलों में हर तरह की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए ऑडिट सिस्टम लागू
किया जाएगा। बताते हैं कि विशेषज्ञ समिति में बोर्ड, स्कूल एवं मानव संसाधन
मंत्रलय के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है, जो जल्द ही तमाम
स्कूलों के एजुकेशन और सिस्टम का अध्ययन करेगी। इसकी रिपोर्ट के आधार पर ही
स्कूल का ऑडिट होगा।
यह देखेगी समिति :
पत्र के अनुसार ऑडिट के जरिये
कमेटी टीचिंग-लनिर्ंग मैथोलोजी, टीचर्स की क्वालिफिकेशन, को-करिकुलर
एक्टिविटिज पर भी कमेटी की नजर रहेगी। स्टाफ की सर्विस कंडिशन और उनकी
सैलरी पर भी रिपोर्ट तैयार होगी। इतना ही नहीं स्कूलों के परिणाम पर भी
स्टडी होगी। ऑडिट होने के बाद चेक लिस्ट भी जारी की जाएगी। साथ ही बोर्ड
कमेटी द्वारा यह भी देखा जाएगा कि कौन- कौन से स्कूलों द्वारा सुधार किया
गया है।
एफिलिएशन गाइडलाइंस का रिव्यू :
बोर्ड के सहायक निदेशक डॉ. सुगंध
शर्मा का कहना है कि एक्सपर्ट कमेटी संबद्धता संबंधी नियमावली को भी
जांचेगी। बोर्ड द्वारा यह कदम सीबीएसई स्कूलों की बढ़ती संख्या के कारण
उठाया गया है, क्योंकि शिक्षा के स्तर को चेक करना बहुत जरूरी है। काफी समय
से बोर्ड को विभिन्न स्कूलों के खिलाफ शिकायतें मिल रही थी और अभिभावकों
द्वारा स्कूल के अक्रेडटेशन प्रोसेस पर सवाल उठाए जा रहे थे। dj
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