** 12731 जेबीटी का 2011 में हुआ था चयन, अभी तक नहीं मिली नियुक्ति
** जनवरी 2011 के बाद से जेबीटी की नियमित भर्ती नहीं हुई।
** सरकारी स्कूलों में जेबीटी के करीब 16 हजार पद खाली।
करनाल : पांच साल से चल रही भर्ती की प्रक्रिया पूरी करवाने के लिए संघर्ष कर रहे चयनित जेबीटी ने रविवार को करनाल में वादा निभाओ महारैली की। 8 घंटे तक प्रदर्शन किया। तीन घंटे तो इसी बात को लेकर तनातनी चलती रही कि ज्ञापन लेने सीएम या कोई कैबिनेट मंत्री आएं। आखिर में इस बात पर सहमति बनी की कि 19 जुलाई को चंडीगढ़ में सीएम से मुलाकात होगी। 20 जुलाई को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट ने चयनित जेबीटी की नियुक्ति पर स्टे लगा रखा है। सरकार ने वादा किया है कि स्टे हटते ही नियुक्ति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
चयनित जेबीटी संघर्ष समिति की महिला विंग संयोजक प्रोमिला खोखर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद ठाकरान ने बताया कि पूरे प्रदेश में 8,893 सरकारी प्राइमरी स्कूल हैं। सरकार की रिपोर्ट अनुसार लगभग 16 हजार पद खाली पड़े हैं। सरकार ने 12,731 पदों पर जेबीटी ,चयनित कर लिए हैं, लेकिन दो साल बीतने के बाद अब तक सरकार ने उन्हें नियुक्ति नहीं दी है। समिति के प्रदेश संयोजक राजेन्द्र यादव ने बताया कि 30 मार्च 2011 को हाईकोर्ट ने 9 महीने में रेगुलर जेबीटी भर्ती पूरी करने का आदेश दिया था, लेकिन आज 5 साल बीतने के बाद भी जेबीटी भर्ती पूरी नहीं हुई है। जेबीटी भर्ती का रिजल्ट घोषित हुए भी करीबन 2 साल होने को है।
गेस्ट टीचरों की छुट्टी करनी पड़ेगी
पिछलेदिनों ही नौकरी से हटाए गए 3,581 गेस्ट टीचरों (टीजीटी) को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम ने फैसले में कहा कि नियमित भर्ती होने तक गेस्ट टीचरों को काम करने दिया जाए। अब यदि सरकार इन चयनित जेबीटी को नियुक्ति देती है तो गेस्ट जेबीटी की छुट्टी होना तय है। यानी एक और आंदोलन तैयार है। db
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