भिवानी : प्रदेश के कई हजार गुरु सरकार की शिक्षा पालिसी में बार-बार किए जा रहे बदलाव से स्वयं अंधेरे में हैं और अपने अधिकारों के बावजूद विभागीय उदासीनता से वरिष्ठ होते हुए कनिष्ठ के नीचे नौकरी करने को मजबूर हैं। सरकार एक तरफ तो 6 हजार विषय शिक्षकों को पदोन्नति देने का दावा कर रही है जबकि 8 हजार चयनित शिक्षकों में से मात्र तीन हजार जूनियर शिक्षकों को स्कूली कैडर लेक्चरार पद पर पदोन्नति देने के बाद शेष बचे 5 हजार शिक्षकों की फाइल रद्दी की टोकरी में डाल दी गई। अब सरकार तबादला प्रक्रिया शुरू कर इन शिक्षकों को पदोन्नति मिलने के बाद मिलने वाले संभावित स्टेशनों की भी बंदरबांट में जुट गई है। सरकार की इस कार्यशैली के विरोध में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने 16 जुलाई को राज्यस्तरीय बैठक में आंदोलन की रणनीति तैयार करने का एेलान किया है।
हरियाणा शिक्षा विभाग ने जनवरी माह में विशेष आदेश के तहत लंबे समय से पदोन्नति की बाट जोह रहे विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, भौतिकी, फिजिक्स सहित अनेक महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों की पदोन्नति कर उनको नए स्टेशनों पर भेजने का निर्णय लिया जिससे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 8 हजार शिक्षकों के चेहरों पर मुस्कान लौटी। लेकिन यह मुस्कान ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाई और शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई लगभग 3 हजार शिक्षकों की पदोन्नति सूची के बाद अनिश्चय में बदल गई।
4 माह बाद भी नहीं आयी दूसरी सूची
शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों ने तीन चरणों का हवाला देकर दूसरी सूची जल्द जारी करने का भरोसा दिलाया लेकिन चार माह बाद भी दूसरी सूची न आने व सरकार द्वारा नई तबादला नीति का एेलान करने से पदोन्नति के इंतजार में बैठे 5 हजार शिक्षकों की नींद उड़ गई। शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव पीके दास से तबादला शुरू करने से पहले उनकी लंबित पदोन्नति सूची को जारी करने की मांग की जिस पर कार्यालय ने साफ कर दिया कि उन्होंने सूची को अंतिम रूप देकर शिक्षा सदन में भेज दिया है और अब जो कदम उठाया जाएगा वह शिक्षामंत्री कार्यालय से ही उठाया जााएगा।
दोराहे पर वरिष्ठ
आज मात्र 30 फीसदी शिक्षकों को पदोन्नति सूची में शामिल करने व वरिष्ठ शिक्षकों को दरकिनार कर कनिष्ठ शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ देकर शिक्षकों को दोराहे पर खड़ा कर दिया है। इसके अलावा सरकार ने पूरी पदोन्नति जारी करने से पहले ही तबादला सूची को जारी कर उनके सामने विकट हालात पैदा कर दिए। इससे उनके जूनियर मनपसंद स्टेशन ले जायेंगे और वे बाद में रिक्त पदों के लिए दूसरे जिलों में भेजने पड़ेंगे। dt
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