** 21 दिसंबर को हरियाणा में भूख हड़ताल, 22 को अन्य प्रदेशों में आंदोलन
चंडीगढ़ : अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ ने केंद्र
सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन
शुरू करने का एलान किया है। राज्य सरकारों के 60 लाख कर्मचारियों का
प्रतिनिधित्व करने वाले महासंघ के बैनर तले 2 मार्च को संसद का घेराव किया
जाएगा, जिसमे सभी प्रदेशों के कर्मचारी शामिल होंगे।
महासंघ के
अतिरिक्त महासचिव सुभाष लांबा ने चंडीगढ़ में बताया कि कानपुर में हुई
राष्ट्रीय काउंसिल की बैठक में समान काम के लिए समान वेतन देने के सुप्रीम
कोर्ट के फैसले को लागू कराने की मांग को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है।
पहली कड़ी में 22 दिसंबर को सभी राज्यों में विरोध प्रदर्शन होंगे। हरियाणा
पहले ही इस मांग को लेकर 21 दिसंबर को जिला स्तर पर सामूहिक भूख हड़ताल का
एलान कर चुका है। सुभाष लांबा ने बताया कि दस सूत्रीय मांगपत्र को लेकर
पूरे देश में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। कर्मचारी नेताओं ने केंद्र
सरकार पर पूर्व यूपीए सरकार की निजीकरण की नीतियों को आक्रामकता के साथ
विभागों में लागू करने, जाति व धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण करने व ट्रेड
यूनियनों एवं लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले करने के आरोप लगाए हैं।
क्या
हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- नई पेंशन स्कीम को समाप्त कर नए कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए, ठेका व कैजुअल कर्मियों को पक्का करें
- सभी अनियमित कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन मिले
- सभी रिक्त पदों को नियमित भर्ती से भरा जाए व एससी/एसटी बैकलाग को विशेष भर्ती से पूरा करें
- सरकारी विभागों, कार्य का निजीकरण तथा आउटसोसिर्ंग बंद करें
- प्रत्येक 5 वर्ष पर वेतन निर्धारण किया जाए व केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को पर्याप्त फंड मुहैया कराएं
- कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकने को प्रयास किए जाएं
- कामकाज के स्थलों पर सांप्रदायिक एवं धार्मिक सौहार्द का वातावरण कायम रखा जाए
- मूल्यवृद्वि पर रोक लगाई जाए तथा जन वितरण प्रणाली मजबूत बने।
- अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की कन्वेंशन का अनुमोदन किया जाए।
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