नई दिल्ली : देशभर में अगले साल फरवरी से उच्च शिक्षा की सभी तरह की
छात्रवृत्तियां और वित्तीय मदद सीधे छात्रों के खाते में ही जमा होंगी।
हालांकि इस बार छात्र के आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया गया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और
अन्य संस्थानों को इस संबंध में आगाह कर दिया है। पहले यह व्यवस्था इस साल
अप्रैल से ही शुरू होनी थी। 1यूजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि
सीधे लाभार्थी के खाते में रकम भेजने (डीबीटी) के लिए नया वेब पोर्टल भी
तैयार कर लिया है। साथ ही सभी संस्थानों को आगाह कर दिया गया है कि 28
फरवरी के बाद ना तो पुरानी व्यवस्था चलेगी और ना ही वेबसाइट। इन संस्थानों
को नई व्यवस्था के लिए प्रशिक्षित करने के लिए यूजीसी ने अपने सभी सात
क्षेत्रों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया है।
सभी राज्य और क्षेत्रीय कार्यालयों को छात्रवृत्तियों का पूरा आंकड़ा नई
वेबसाइट पर उपलब्ध करवाने और उसकी पुष्टि कर लेने को भी कहा
गया है।
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