** मदवि में पहले भी हो चुकी हैं पेपर लीक की घटनाएं
रोहतक : नैक से ए-ग्रेड मान्यता प्राप्त महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय की
परीक्षा प्रणाली एक बार फिर से संदेह के दायरे में आ गई है। बीएससी का पेपर
लीक होने के बावजूद विवि प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
नियम के अनुसार समय से पहले प्रश्न-पत्र लीक होने पर पेपर को रद किया जाना
चाहिए था, लेकिन विवि प्रशासन ने नोडल सेंटर और महाविद्यालयों के
प्राचार्यों से रिपोर्ट मांग कर इतिश्री कर दी। शिक्षा के जानकारों की
मानें तो अधिकारियों की इस कार्यशैली से जहां विवि की साख खराब होगी, वहीं
शिक्षा माफिया को बल मिलेगा।
गौरतलब है कि मदवि द्वारा बीएससी प्रथम
सेमेस्टर कार्बनिक रसायन यानि आर्गेनिक केमेस्ट्री का पेपर दोपहर दो बजे
होना था, लेकिन प्रश्न-पत्र सुबह करीब 11 बजे ही परीक्षार्थियों तक पहुंच
गया। विवि प्रशासन भी मान रहा है कि प्रश्न-पत्र लीक होने की सूचना दोपहर
एक बजे मिल गई थी। लेकिन इसके बावजूद भी विवि प्रशासन द्वारा लीक पेपर ही
परीक्षार्थियों से लिया गया। बताया जाता है कि मदवि से संबद्ध
महाविद्यालयों में 20 हजार से अधिक बीएससी के परीक्षार्थी हैं। तकनीकी तौर
पर भी देखा जाए तो पेपर लीक होने पर संबंधित परीक्षा केंद्र, शहर या फिर
समस्त जगह पेपर को रद किया जाता है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.