नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) अगले सत्र में सभी कोर्स में प्रवेश
परीक्षा के माध्यम से ही दाखिले की तैयारी कर रहा है। गत माह एडमिशन कमेटी
बनाकर दाखिला प्रक्रिया के सुचारू संचालन के निर्देश दिए गए हैं। इस वर्ष
प्रयोग के तौर पर पीएचडी, परास्नातक तथा स्नातक स्तर के
कुछ विषयों में दाखिला के लिए प्रवेश परीक्षा कराई गई थी।
एडमिशन कमेटी के
संयोजक डॉ. मनोज खन्ना का कहना है कि हम सभी पहलुओं पर गौर कर रहे हैं।
कमेटी की कुछ बैठकें हो चुकी हैं। आवेदन फार्म से लेकर फीस भरने तक सबकुछ
ऑनलाइन होगा। दिल्ली के बाहर भी परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। दाखिला
प्रक्रिया आसान बनाने के लिए कमेटी कॉलेज के प्रिंसिपल, प्राध्यापक और
छात्रों से फीडबैक लेगी। उनसे पूछा जाएगा कि यह प्रक्रिया शुरू करने से
उनका क्या सहयोग मिल सकता है और किस तरह की चिंताएं हैं। दाखिला प्रक्रिया
अगले वर्ष शुरू होगी, इसलिए हर समस्या पर बारीकी से विचार कर रहे हैं। इस
बार सर्वर की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। छात्रों को कई ऑनलाइन पेमेंट
गेटवे दिए जाएंगे। डीयू में प्रतिवर्ष चार लाख से अधिक छात्र-छात्रएं आवेदन
करते हैं। प्रवेश परीक्षा से कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। प्राय:
सीबीएसई, दक्षिण भारत के कई बोर्ड 12वीं की परीक्षा देने वाले छात्रों को
अधिक अंक देते हैं। इस बार सीबीएसई में ही 12वीं बोर्ड में 14 हजार से अधिक
छात्र थे, जिनका अंक फीसद 95 से अधिक था। श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स में
सबसे ज्यादा तमिलनाडु बोर्ड के छात्रों का दाखिला हुआ। यदि प्रवेश परीक्षा
के माध्यम से दाखिला होगा तो परीक्षा के आधार पर कटऑफ बनेगा। वहीं डीयू के
एक अधिकारी ने कहा कि प्रवेश परीक्षा दाखिले का बेहतर आधार है, लेकिन कॉलेज
की रैंकिंग कैसे होगी और किस कॉलेज में किस रैंक के छात्र दाखिला लेंगे,
यह कैसे तय होगा।
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