** आरटीआइ से मामला आया सामने, बाद में सुधारा रिजल्ट
तोशाम : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक मेधावी लड़की को
अनुतीर्ण कर दिया। परीक्षा परिणाम पर विश्वास नहीं होने के बाद जब छात्र ने
आरटीआइ लगाई तो उसे पास किया गया। गांव आलमपुर निवासी एमएससी गणित की
छात्र सरोज ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से मई 2016 में चौथे
सेमेस्टर की परीक्षा दी। जब परिणाम आया तो छात्र को सिर्फ 10 अंक मिले।
उम्मीद से इतर परिणाम से दुखी सरोज पिता जयप्रकाश को लेकर विश्वविद्यालय
गई, लेकिन उसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद सरोज ने आरटीआइ के
माध्यम से विश्वविद्यालय से अपनी उतरपुस्तिका को फोटो कॉपी मांगी। इसके बाद
जो सामने आया उसे देखकर सरोज हैरान भी थी और खुश भी। विश्वविद्यालय ने जिस
पेपर में उसे 10 अंक देकर फेल घोषित कर दिया था, उस पेपर की जांच में
परीक्षक ने उसे 71 अंक दे रखे थे, लेकिन विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की
लापरवाही के कारण परिणाम में केवल 10 अंक ही दिखाए गए। आरटीआइ के कारण
लापरवाही उजागर होने पर विश्वविद्यालय ने अपनी गलती छिपाने के लिए परिणाम
को ठीक करते हुए छात्र को सूचित कर दिया, लेकिन पता नहीं ऐसे कितने
छात्र-छात्रओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है।
"परीक्षा
में फेल दिखाए जाने पर दो माह तक जिस तरह परेशान रही, उसे बयां नहीं कर
सकती। अब परिणाम से खुश हूं। लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए
ताकि किसी के साथ दोबारा ऐसा ना हो।"-- सरोज, छात्र।
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