चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सख्त रवैये के बाद राज्य सरकार इस
बार गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में समय से दाखिले दिलाएगी। इसके लिए
जनवरी के पहले सप्ताह में मेधावी गरीब बच्चों का योग्यता परीक्षण होगा।
सभी प्राइवेट स्कूलों से उनके यहां खाली सीटों का ब्योरा मांगा गया है।
करीब 60 हजार गरीब बच्चों को दाखिले दिलाने की योजना है।
हरियाणा स्कूल
शिक्षा नियमों की धारा 134-ए के तहत दूसरी कक्षा से लेकर आठवीं तक के गरीब
मेधावी विद्यार्थियों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दिलाने का प्रावधान
किया है। नौवीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को सरकारी
स्कूलों वाली फीस ही देनी होगी। दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक
सत्यवीर सिंह हुड्डा द्वारा लड़ी गई लड़ाई के बाद पंजाब एवं हरियाणा
हाईकोर्ट ने सरकार को गरीब बच्चों को मुफ्त पढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
प्राइवेट स्कूल इस फैसले के खिलाफ हैं और प्रति बच्चे की फीस की एवज में
अनुदान मांग रहे हैं। पिछले सत्र में करीब 40 हजार बच्चों के दाखिले हुए
थे, मगर अनुदान के फैसले पर देरी की वजह से दाखिले समय से नहीं हो पाए थे।
सरकार उन्हें 500 से 900 रुपये तक मासिक अनुदान फीस देने को तैयार हो गई
थी। प्राइवेट स्कूलों की मांग है कि दिल्ली सरकार की तर्ज पर गरीब बच्चों
को मुफ्त दाखिले की एवज में अनुदान दिया जाए। 1स्कूल शिक्षा विभाग के
अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास का कहना है कि इस बार जनवरी में ही टेस्ट
प्रक्रिया पूरी कर अगले सत्र के लिए दाखिले सुनिश्चित किए जाएंगे। करीब 60
हजार सीटें हैं, जिन पर गरीब व बीपीएल परिवार के बच्चों का दाखिला होना है।
बच्चों को दाखिला देने में आनाकानी करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई
होगी।
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