** प्रदेशभर से मिल रही अवैध रूप से फीस वसूली की शिकायतें
चंडीगढ़ : प्रदेश में अब कोई भी यूनिवर्सिटी अथवा कॉलेज अनुसूचित जाति
(एससी) वर्ग के छात्र-छात्रओं से फीस अथवा किसी भी तरह का फंड नहीं ले
सकेंगे। ऐसा करने पर संबंधित सरकारी यूनिवर्सिटी अथवा कॉलेज की ग्रांट रोक
दी जाएगी। प्राइवेट संस्थानों को सरकार ने उनकी एनओसी रद करने की चेतावनी
दी है। सरकार ने प्रदेशभर से इस संबंध में मिली शिकायतों के बाद यह फैसला
किया है।
शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने इस संबंध में निर्देश जारी कर
दिए हैं। उन्होंने बताया कि पोस्ट मैटिक स्कॉलरशिप स्कीम के पात्र छात्रों
से फीस या फंड नहीं लिए जा सकते। इसकी प्रतिपूर्ति उच्चतर शिक्षा निदेशालय
द्वारा की जाएगी। कुछ शिक्षण संस्थान सरकार के निर्देशों का गंभीरता से
पालन नहीं कर रहे हैं।
हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर की
ओर से इस संबंध में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, महर्षि दयानंद
विश्वविद्यालय रोहतक, भगत फूल सिंह महिला महाविद्यालय खानपुर, चौधरी
देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा, चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी, चौधरी
रणबीर विश्वविद्यालय भिवानी और अनुदान प्राप्त, स्व वित्त पोषित प्राइवेट
यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को एक परिपत्र भेजा गया है। 1परिपत्र में कहा गया
कि शिकायत मिलने के बाद अगर किसी संस्थान की एनओसी रद्द होती है या ग्रांट
रुकती है तो उसके वह खुद जिम्मेदार होगा।
केंद्र सरकार ने निर्देशों का
संस्थानों ने निकाला गलत अर्थ1हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के परिपत्र के
मुताबिक केंद्र सरकार ने पिछले दिनों सभी संस्थानों को निर्देश दिए थे कि
एससी वर्ग के जो छात्र पोस्ट मैटिक स्कॉलरशिप स्कीम में पात्र हैं, उनसे
दाखिले के समय फीस अथवा किसी तरह के फंड्स नहीं लिए जाने हैं। सरकारी और
प्राइवेट यूनिवर्सिटी, कॉलेजों ने इसका अर्थ अपनी सुविधानुसार निकाल लिया।
कुछ संस्थानों ने प्रवेश के बजाय बाद में एससी छात्रों से फीस और फंड्स की
डिमांड करनी शुरू कर दी। एससी छात्रों की ट्यूशन फीस से लेकर सभी तरह के
शुल्क अथवा फंड्स आदि का भुगतान उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से किया जाना
है। इसमें आशंका यह है कि कुछ संस्थान छात्रों से फीस, फंड लेने के साथ ही
सरकार से भी क्लेम कर रहे थे।
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