नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा आम बजट में आम लोगों को राहत देने के
संकेतों के बीच दिल्ली के कारोबारी और उद्योग संगठनों द्वारा आयकर में राहत
देने की मांग तेज हो गई है। नोटबंदी से झटका खाए दिल्ली के उद्यमी और
कारोबारी आयकर छूट की सीमा पांच से 10 लाख रुपये करने के साथ ही आयकर की दर
घटाने की मांग की है। उनके मुताबिक आयकर में राहत से कारोबार और उद्योग को
फिर से पटरी पर लाया जा सकेगा। 1आम आदमी पार्टी ट्रेड विंग के संयोजक
बृजेश गोयल के मुताबिक कर की दरें जितनी कम होगी, उतना ही इसे भरना लोगों
के लिए आसान होगा। ज्यादा से ज्यादा लोग कर देने को प्रेरित होंगे और लोगों
पर इसका बोझ भी कम पड़ेगा। उनके मुताबिक आयकर की छूट की सीमा 10 लाख रुपये
होने के साथ 10 लाख रुपये से ऊपर पर लगने वाला टैक्स 15 फीसद से ज्यादा
नहीं होना चाहिए। अभी 2.5 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर कोई कर नहीं
देना पड़ता है। जबकि 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 10 फीसद, पांच
लाख से 10 लाख रुपये पर 20 फीसद और 10 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर 30
फीसद की दर से टैक्स देना होता है। गोयल के मुताबिक 30 फीसद आयकर बहुत
ज्यादा है और लोगों की कमाई का एक तिहाई हिस्सा इसी में चला जाता है। यहीं
से चोरी की संभावनाएं बढ़ती हैं। वहीं, लघु उद्योग भारती के दिल्ली प्रांत
के अध्यक्ष संपत तेश्नीवाल ने आयकर छूट की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख
रुपये करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा कि 10 लाख तक की आय पर
आयकर दर भी 10 फीसद से ज्यादा नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस बाबत
एक ज्ञापन केंद्रीय वित्त मंत्रलय को भेज दिया है। वैसे, गत दिनों पहले लघु
उद्योग भारती के ही एक कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अजरुन
राम मेघवाल ने लघु व मध्यम उद्यमियों से आयकर में राहत देने का वादा किया
था। तेश्नीवाल के मुताबिक बजट में लघु व मध्यम उद्योग के लिए अलग बजट ढांचा
की भी उम्मीद की जा रही है। जिससे इस क्षेत्र को बढ़ावा मिले। दिल्ली
प्रदेश टेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय गुप्ता के मुताबिक आयकर छूट की
सीमा पांच लाख करने के साथ ही आयकर की दर अधिकतम 20 फीसद ही हो। इसके साथ
ही उन्होंने लगातार 10 सालों तक आयकर भरने वाले लोगों के लिए पेंशन की भी
मांग रखी है।
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