** 48 घंटे में संबंधित कार्यालय में भेजनी होगी प्रति, होगी त्वरित
कार्रवाई
** आरटीआइ में हुआ था डेढ़ साल में कोई ज्ञापन नहीं पहुंचने का
खुलासा
चंडीगढ़ :
हरियाणा में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नाम सौंपे गए ज्ञापनों
को अब प्रशासनिक अधिकारी दबा कर नहीं रख सकेंगे। सिविल सोसायटी समूहों
द्वारा सौंपे गए ज्ञापन की प्रति उन्हें 48 घंटे के भीतर अनिवार्य रूप से
संबंधित कार्यालय में भेजनी होगी, ताकि उन पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।
सभी मंडल आयुक्त, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट और
तहसीलदारों को इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिया गया है।
बता दें कि
जिलों में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नाम सौंपे गए ज्ञापनों को
प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अपने स्तर पर ही दबा देने के आरोप लगते रहे
हैं। पिछले माह विधानसभा के विशेष सत्र में भी यह मुद्दा उठा था। इससे पहले
विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय चौटाला ने आरटीआइ के जवाब में मिली सूचना
का खुलासा करते हुए बताया था कि विगत डेढ़ साल में कोई ज्ञापन सीएमओ या
राजभवन नहीं पहुंचा। इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने ज्ञापन भेजने
की वर्तमान प्रणाली को सुदृढ़ करने का निर्णय लिया है। ज्ञापन लेने वाले
अधिकारियों को दो दिन में इसकी प्रति राजभवन, मुख्यमंत्री कार्यालय या
संबंधित मंत्रियों के पास भेजनी होगी। यदि ज्ञापन के साथ लगे फोटोकॉपी किए
गए दस्तावेज भारी या बड़े हैं तो कम से कम मुख्य ज्ञापन की एक प्रति जरूर
भेजी जाएगी। सरकारी स्तर पर स्वीकार किया गया कि डीसी, एसपी, एसडीएम और
तहसीलदारों को हस्तांतरित किए गए ज्ञापन बहुत देर से पहुंचते हैं और कई बार
तो ये पहुंचते भी नहीं, किंतु अब ऐसा नहीं होगा।
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