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Thursday, 22 December 2016

एससीईआरटी रिपोर्ट : तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों की हिन्दी कमजोर, कक्षा बढ़ने के साथ अंग्रेजी और गणित का भी घट रहा स्तर

** चिंताजनक : सरकारी स्कूलों में पहली से 8वीं कक्षा तक के 1.76 लाख बच्चों की सितंबर तक की परफॉर्मेंस 
** ओवर ऑल परफॉर्मेंस मेंसोनीपत अव्वल, मेवात सबसे पीछे।

पानीपत/गुड़गांव : निजीस्कूलों से अनुभवी शिक्षक और पूरा सरकारी सिस्टम होने के बावजूद हमारे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी बेहतर तो दूर औसत परफोर्म भी नहीं कर पा रहे हैं। तीसरी क्लास के बच्चे ठीक से हिन्दी की पुस्तक नहीं पढ़ सकते हैं, आठवीं कक्षा तक पहुंचते-पहुचंते पहली कक्षा के मुकाबले अंग्रेजी में 50 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले की संख्या भी 67 से घटकर 40 फीसदी तो गणित में 57 से 25 फीसदी पर पहुंच गई है। साइंस और सोशल स्टडी सब्जेक्ट में भी स्थिति कुछ यही है। 

यह खुलासा एससीईआरटी द्वारा छात्रों की परफॉरमेंस पर किए गए अर्द्ध वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट में हुआ है। टोटल परफोर्मेंस की जारी की रैंकिंग में सोनीपत जिला 50 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले 61 फीसदी विद्यार्थियों के साथ पहले नंबर पर है। इसके बाद महेंद्रगढ़, गुड़गांव, झज्जर रेवाड़ी का नंबर आता है। लेकिन रिपोर्ट में इनका एसेसमेंट लेवल 54 से 51 फीसदी के बीच है। रोहतक, भिवानी, पानीपत, फरीदाबाद, जींद, हिसार, कैथल, सिरसा, अंबाला, पलवल में 50 फीसदी से अधिक पाने वाले 41 से 49 फीसदी बच्चे ही रहे हैं। सीएम के निर्वाचन जिले करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, पंचकूला, यमुनानगर की स्कोरिंग 40 फीसदी से नीचे है। मेवात जिले के मात्र 31 फीसदी बच्चे ही ऐसे हैं, जिन्होंने 50 फीसदी से अधिक अंक हासिल किए हैं। राहत की बात यह है कि प्रदेश की ओवर ऑल स्कोरिंग में पिछले साल की अपेक्षा 8 फीसदी का इजाफा हुआ। एससीईआरटी द्वारा पिछले वर्ष की परफॉरमेंस को देखते हुए छात्रों के लर्निंग लेवल को बढ़ाने के लिए टीचरों को भी ट्रेनिंग दिलाई थी, लेकिन सुधार संतोषजनक नहीं दिख रहा।

करनाल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, यमुनानगर की स्कोरिंग 40% से नीचे
ईवीएस: 50%बच्चे भी 50 प्रतिशत अंक नहीं ले पाए 

सामाजिक अध्ययन विषय में कक्षा तीन में 47 तो कक्षा चार और पांच में 45-45 फीसदी बच्चे 50 फीसदी से अिधक अंक नहीं पाए। 

3 जिले कमजोर 
कक्षा तीन से पांचवीं तक चलने वाले इस विषय में मेवात में तीनों कक्षाओं में 33 फीसदी बच्चे भी 50 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल नहीं कर पाए। पलवल, सिरसा, जींद की स्थिति भी ठीक नहीं है। यहां भी बच्चे इस विषय में काफी कमजोर हैं। 

गणित: पहलीकक्षा में 61 तो आठवीं में 25% बच्चों को मिले गणित में 50% अंक 

पहली कक्षा में 61 % बच्चे 50 % अंक ले पाए हैं। दूसरी कक्षा में 70 फीसदी के बाद लगातार 8वीं कक्षा तक स्तर बहुत ज्यादा खराब है। तीसरी कक्षा में 39, चौथी में 46, 5वीं में 30, छठी में 26, 7वीं में 23 और कक्षा आठ में 25% बच्चे 50% अंक ले पाए हैं। 

मेवात पिछड़ा 
मेवात सबसे पिछड़ा है। तीसरी कक्षा में सबसे बेहतर गुड़गांव की है। चौथी में सोनीपत गुड़गांव के बाद अन्य जिले बेहतर स्थिति में नहीं है। पांचवीं में सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर गुड़गांव के अलावा किसी भी जिले के 33 फीसदी बच्चे 50 प्रतिशत अंक नहीं ले पाए हैं। छठी में सोनीपत, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ के बच्चों के भी कम ही अंक आए हैं। 

अंग्रेजी: बड़ीकक्षाओं में लग रही मुश्किल 

अंग्रेजी विषय में विद्यार्थियों का स्तर लगातार गिर रहा है। पहली कक्षा में 67 फीसदी तो दूसरी में 52, तीसरी में 31, चौथी में 36, पांचवीं में 32, छठी में 25, सातवीं में 32 और आठवीं कक्षा में 40 फीसदी बच्चे ही 50 फीसदी से ज्यादा नंबर हासिल कर पाए। 

गुड़गांव बेहतर 
पहली कक्षा में सबसे बेहतर गुड़गांव तो दूसरी में सोनीपत के बच्चे ठीक हंै। तीसरी, चौथी पांचवीं में सोनीपत सबसे आगे रहा। तीसरी में भिवानी, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, मेवात, पलवल, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा यमुनागर मात्र 33 प्रतिशत बच्चे ही 50 फीसदी से ऊपर जा सके। चौथी कक्षा में गुड़गांव रेवाड़ी को छोड़ बाकी सभी की स्थिति खराब है। कक्षा पांच में मेवात के साथ यमुनागर, हिसार, कुरुक्षेत्र, सिरसा भी निचले पायदान पर है। 


साइंस : गंभीरता से नहीं लेते छात्र 

प्रदेशकी कक्षा छह में 39 फीसदी बच्चे ही 50 फीसदी से अिधक अंक हासिल कर पाए। जबकि सातवीं में 35 और आठवीं की 38 फीसदी ही यहां तक पहुंचे। 
हालात


साइंससिटी कहलाने वाला अंबाला के 38 फीसदी 50 प्रतिशत तक पहुंच पाए। मेवात के अलावा हिसार, जींद, कैथल, करनाल, पलवल, सिरसा यमुनानगर में भी बच्चे इस विषय में कमजोर है। 

सोशल साइंस : कमजोरहैं विद्यार्थी 
कक्षाछह से आठ तक लागू इस विषय में हमारे विद्यार्थी कमजोर हैं। कक्षा 6 में 26 तो कक्षा सात में 30 और कक्षा आठ में 47 फीसदी बच्चे ही 50 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त कर सके हैं। 
हालात


गुड़गांवको छोड़ किसी भी जिले के 33 फीसदी बच्चे 50 प्रतिशत अंक हासिल नहीं कर पाए। मेवात, पंचकूला, सिरसा, जींद, फरीदाबाद, अम्बाला और यमुनानगर में बच्चे कमजोर हैं। 

जीटी बेल्ट कमजोर 
पहली कक्षा में मवात और पलवल को छोड़ बाकी सभी जिलों के 60 फीसदी बच्चे 50 फीसदी से अधिक नंबर ले पाए हैं। गुड़गांव नंबर एक पर है। दूसरी तीसरी कक्षा में सोनीपत सबसे आगे है। भिवानी, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कुरुक्षेत्र, मेवात, पलवल, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा यमुनानगर के 33 फीसदी बच्चे ही 50 फीसदी से अधिक अंक ले पाए। कक्षा पांच छह में रेवाड़ी तो सात आठ में सोनीपत अव्वल है। 
हिन्दी में सिर्फ राइटिंग पर जोर, पढ़ाने पर कम 
हिन्दी: प्रदेशमें पहली कक्षा में 64 फीसदी बच्चों ने 50 फीसदी से अधिक अंक लिए हैं। दूसरी में दो फीसदी बच्चों की संख्या बढ़ी लेकिन तीसरी 33 फीसदी ही इससे अधिक अंक ले पाए। इसका जिक्र रिपोर्ट में विशेष रूप से किया है। लिखा है कि तीसरी कक्षा में केवल राइटिंग पर जोर देते हैं। चौथी में 38, पांचवीं में 45 तो छठी में 40, सातवीं में 46 और 8वीं कक्षा की 51 फीसदी बच्चे 50 फीसदी से अधिक नंबर हासिल कर पाए।

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