.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Sunday, 25 December 2016

8वीं नहीं अब 5वीं के बाद भी फेल हो सकेंगे छात्र, प्रस्ताव को मंजूरी

** फेल नहीं होने का डर नहीं होने के कारण अनुशासनहीन हो रहे बच्चे
** जरूरी पड़ने पर छठी, सातवीं या आठवीं कक्षा तक बच्चों को एक ही कक्षा में रोकने के लिए नियम बना सकते हैं
नई  दिल्ली : विधि मंत्रालय ने फेल नहीं करने की नीति को आठवीं कक्षा से घटाकर पांचवीं कक्षा तक ही सीमित करने के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके पीछे वजह बताई गई है कि बच्चे 'फेल नहीं होने का डर नहीं होने के कारण' अनुशासनहीन हो रहे हैं.
विधि मंत्रालय ने कहा है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय शिक्षा का अधिकार, 2009 की धारा 16 को संशोधित कर सकता है क्योंकि यह प्रस्ताव उप समिति की सिफारिश पर आधारित है. मंत्रालय ने कहा है कि स्कूल में दाखिला लेने वाले किसी भी बच्चे को पांचवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने तक किसी भी कक्षा में फेल ना करने या स्कूल से निष्कासित ना करने के प्रावधान पर 'कोई आपत्ति नजर नहीं आती.' मौजूदा प्रावधान के अनुसार फेल ना करने या एक ही कक्षा में बनाए ना रखने की नीति प्राथमिक शिक्षा पूरी करने तक मान्य है.
आठ दिसंबर के अपने एक नोट में विधि मंत्रालय के कानूनी मामलों के विभाग ने कहा- ‘राज्य सरकारें जरूरी पड़ने पर छठी, सातवीं या आठवीं कक्षा तक बच्चों को एक ही कक्षा में रोकने के लिए नियम बना सकते हैं, लेकिन उसके लिए छात्रों को दोबारा परीक्षा में शामिल होने देने के लिए अतिरिक्त मौका दिया जा सकता है.' नोट में कहा गया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने फेल ना करने की नीति आठवीं कक्षा से घटाकर पांचवीं कक्षा तक करने का फैसला मौजूदा प्रावधान के 'विभिन्न प्रतिकूल परिणामों' की समीक्षा करने के बाद किया.

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.