चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार अपने खुद के बूते हर 20 किलोमीटर की दूरी पर महिला
कालेज नहीं खोल पाएगी। इसके लिए निजी सेक्टर का सहारा लेना ही पड़ेगा।
राज्य में नए खुलने वाले स्कूल-कालेजों के लिए सरकार सार्वजनिक निजी
सहभागिता (पीपीपी) मोड अपनाने पर विचार कर रही है। उच्चतर शिक्षा एवं
स्कूल शिक्षा विभागों को इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए
हैं। प्रस्ताव में झोल नहीं हुआ तो सरकार देर-सबेर प्राइवेट सेक्टर की मदद
से हरियाणा में नए स्कूल-कालेज खोलेगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की
अध्यक्षता में मंत्री समूह की बैठक में नए स्कूल-कालेजों के निर्माण में
पीपीपी मोड अपनाने पर चर्चा की गई। अधिकतर मंत्रियों ने कहा कि सरकारी
खर्चे से हर 20 किलोमीटर की दूरी पर कालेज का निर्माण संभव नजर नहीं आ रहा।
इसके लिए जमीनों की भी जरूरत पड़ेगी। मुख्यमंत्री की 85 फीसद घोषणाएं अभी
तक लंबित हैं। दो साल के भीतर सिर्फ 250 घोषणाएं पूरी हो पाई हैं। लिहाजा
पीपीपी मोड से काम कराए बिना नए स्कूल कालेजों का निर्माण संभव प्रतीत नहीं
हो रहा है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.