** नवंबर में पढ़ाए गए सिलेबस में से हर विषय के 5सवालपूछे जाएंगे
** एसीएस से लेकर मुख्यालय, जिला अधिकारी करेंगे स्टूडेंट्स से सीधे संवाद
राजधानी हरियाणा : हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 16 दिसंबर को आकस्मिक निरीक्षण करके स्टूडेंट्स का एकेडमिक टेस्ट लिया जाएगा। स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी से लेकर मुख्यालय, जिला और ब्लॉक लेवल तक के अफसर खुद स्कूलों में जाएंगे।
इस दौरान वहां नवंबर माह में पढ़ाए गए पाठ्यक्रम में से ही चुने गए कुछ सवाल स्टूडेंट्स से पूछेंगे। स्टूडेंट्स के जवाबों से ही टीचरों की परफॉरमेंस तय होगी। अगर किसी टीचर की परफॉरमेंस बहुत ही खराब पाई गई तो उसे एक वार्निंग दी जाएगी। अगर एक माह बाद भी उस टीचर की परफॉरमेंस में कोई सुधार नहीं मिला तो उसके खिलाफ चार्जशीट या दूरदराज इलाके में ट्रांसफर जैसी कार्रवाई की जाएगी। सरकारी स्कूलों का शैक्षणिक स्तर सुधारने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
विभागीय एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पी.के. दास ने बताया कि स्कूलों के आकस्मिक निरीक्षण की जो प्रक्रिया चल रही थी, उसमें यह पता नहीं चल पा रहा था कि बच्चे स्कूल में कुछ सीख भी रहे हैं अथवा नहीं। जो भी अधिकारी निरीक्षण पर जाते थे, वे रुटीन चैक करके चले आते थे। इसलिए यह प्रक्रिया अपनाई गई है। दरअसल सरकार चाहती है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों का ओवर ऑल डवलपमेंट हो। इस प्रक्रिया को शुरू करने से पहले टीचरों की एसोसिएशन को भी विश्वास में लिया गया है। हालांकि स्कूलों में मंथली टेस्ट की व्यवस्था लागू है, लेकिन इससे बच्चों में रटने की प्रवृत्ति पनपने का खतरा है। जबकि हम चाहते हैं कि स्टूडेंट एनालिसिस करके सवालों के जवाब दे।
बच्चों के लर्निंग लेवल पता करने के लिए अॉड-ईवन फार्मूला अपनाया जा रहा है। पहले ऑड कक्षाओं जैसे 1, 3, 5, 7, 9, 11 का टेस्ट होगा। अगले पखवाड़े में ईवन कक्षाओं से जैसे 2, 4, 6, 8, 10, 12 के स्टूडेंट्स का टेस्ट होगा। इसमें हर विषय से 5 सवाल लिए जाएंगे। इस तरह करीब 30 सवालों का एक प्रश्न पत्र तैयार होगा। क्लास में सभी स्टूडेंट्स से इन सवालों के मौखिक और लिखित जवाब लिए जाएंगे। कितने बच्चे सही जवाब देते हैं, उससे टीचर की परफॉरमेंस पता चलेगी। एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटी की दृष्टि से स्कूलों में शनिवार को केवल एक्टिविटी डे घोषित किया गया है।
मिनिममबेसिक लेवल करना होगा मेंटेन
दासने बताया कि निरीक्षण के दौरान स्कूलों में टीचरों के लिए मिनिमम बेसिक लेवल मेंटेन करना जरूरी होगा। उन्होंने पिछले दिनों प्रयोग के तौर पर कुछ स्कूलों का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने क्लासों में जाकर स्टूडेंट्स से भी इंटरेक्ट किया था। इस दौरान देखा गया कि बच्चों में टेलेंट और उत्साह है, लेकिन उनकी तुलना में टीचरों में वैसा उत्साह नहीं है। एकेडमिक टेस्ट का उद्देश्य स्टूडेंट्स के साथ-साथ टीचर्स को भी प्रोत्साहित करना है।
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