** विडंबना : अन्य राज्यों की डिग्री मान्य नहीं होने से शिक्षित युवक-युवतियां निराश
** सक्षम योजना में चंडीगढ़, हरियाणा और दिल्ली की डिग्री मान्य
हिसार : शिक्षित युवक-युवतियों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए
सरकार ने ‘सक्षम योजना’ को शुरू तो किया लेकिन शर्ते लागू करके उन्हें
निराश भी कर दिया। योजना का लाभ उठाने के लिए प्रार्थी के पास हरियाणा,
दिल्ली या फिर यूटी चंडीगढ़ के शिक्षण संस्थानों की डिग्री का होना
अनिवार्य है। अन्य राज्यों के विश्वविद्यालय की डिग्री योजना के लिए अमान्य
है। ऐसे में पढ़े-लिखे युवा 100 घंटे काम करने के लिए सक्षम हैं लेकिन
शर्त ने उन्हें असक्षम बना दिया है।
इसका सबसे ज्यादा खामियाजा बहू और
बेटी को भुगतना पड़ रहा है। बेटियों को जहां आगे बढ़ाने के लिए अभिभावकों
ने उन्हें दूसरे राज्यों में भेजकर उच्च शिक्षा दिलवाई है, वहीं पड़ोसी एवं
अन्य राज्यों से ब्याह कर हरियाणा में लाई गई शिक्षित बहू की डिग्री उक्त
योजना के लिए अमान्य घोषित कर दी है। इसके कारण उनका मनोबल भी टूट रहा है।
एक तरफ सरकारी बेटी पढ़ाओ को बढ़ावा दे रही है, वहीं सक्षम योजना के लिए
उनकी डिग्री को अयोग्य बता दिया है। जैसे-तैसे योजना का लाभ उठाने के लिए
संबंधित विभाग से पत्रचार करना शुरू कर दिया है। हालांकि अभी तक उन्हें कोई
सुखद समाचार नहीं मिला है।दूसरों राज्यों की डिग्री को लेकर शिक्षित युवा
परेशान हैं। उनके पत्र मिल रहे हैं और शतरे में बदलाव की मांग कर रहे हैं।
इस बारे में उच्चाधिकारियों से लेकर सरकार के संज्ञान में मामला लाया गया
है। उम्मीद है कि नियमों में कुछ राहत मिल जाए। 1- एके यादव, उप निदेशक
रोजगार विभाग।
हिसार में एक केस मिला
बरवाला रोड स्थित एक गांव के परिवार में पढ़ी-लिखी बहू है। वह एमए पास है, जोकि सक्षम योजना के लिए योग्य है लेकिन उसकी डिग्री राजस्थान विश्वविद्यालय की है। उसने मंडल रोजगार विभाग में योजना के तहत आवेदन किया। वहां जवाब मिला कि आपकी डिग्री योजना के लिए आमन्य है। अगर हरियाणा, चंडीगढ़ या दिल्ली विश्वविद्यालय की डिग्री है, तो आवेदन स्वीकार होगा। वहां से निराश लौटी बहू ने बुद्धिजीवी से सलाह लेकर चंडीगढ़ स्थित रोजगार निदेशालय में पत्र भेजकर मामले से अवगत करवाया है। इस आशा के साथ की उसकी सुनवाई होगी।
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