राजधानी हरियाणा : राज्य के बजट में चली रही प्लान-नॉन प्लान में खर्च राशि दर्शाए जाने की परंपरा अब बीते जमाने की बात हो जाएगी। वर्ष
2017-18 के बजट में राजस्व और कैपिटल की क्लासिफिकेशन में ही सारे खर्च
रिकॉर्ड किए जाएंगे। इस साल हुई नोटबंदी और अगले साल से लागू होने वाले
जीएसटी के प्रतिकूल प्रभाव की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने अभी से
बजट की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। हरियाणा वित्त विभाग की प्री-बजट
कंसलटेशन मीटिंग के बाद वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि केंद्र
का बजट इस बार 1 फरवरी को ही पेश होना संभावित है। राज्य सरकार भी प्रदेश
के 2.50 करोड़ लोगों के विकास को ध्यान में रखकर बजट बनाने का प्रयास
करेगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा का बजट भी फरवरी में ही पेश करने की
कोशिश की जा रही है। इसके लिए अगले महीने से और तेजी से काम किया जाएगा।
अगले साल के बजट में स्वास्थ्य, बिजली, शिक्षा, सड़क, रोजगार, उद्योग,
व्यापार और मूलभूत सुविधाओं पर फोकस किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि आज
भी प्री-बजट कंसलटेशन मीटिंग में राज्य वित्त आयोग के चेयरमैन मुकुल अशर
की अध्यक्षता वाली कमेटी के अधिकारी और राज्य सरकार के अधिकारियों से विचार
विमर्श किया गया है। |
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