** विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का यू-टर्न, पहले सभी विश्वविद्यालयों को विवरण अपलोड करने का दिया था निर्देश
नई
दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आधार नंबर समेत
पीएचडी छात्रों का विवरण सार्वजनिक करने के आदेश पर करीब दो माह बाद
यू-टर्न ले लिया है। उसने सोमवार को सभी विश्वविद्यालयों को अब ऐसा नहीं
करने का निर्देश दिया है।1यूजीसी ने दस मार्च को सभी विवि को पत्र भेजकर
पीएचडी स्कॉलरों का विवरण अपनी-अपनी वेबसाइटों पर अपलोड करने को कहा था।
यूजीसी की ओर से तैयार प्रारूप में सुपरवाइजर का विवरण, छात्र का आधार
नंबर, पीएचडी का पंजीकरण नंबर, शोध का विषय, शोध पूरा होने की संभावित तिथि
और फेलोशिप (अगर ले रहे हों) की जानकारी मांगी गई थी। यूजीसी ने सभी
विश्वविद्यालयों को इसे दो महीने में पूरा करने का निर्देश दिया है। ऐसा
नहीं करने वाले विश्वविद्यालयों का नाम सार्वजनिक करने की भी बात कही गई
थी। अब विश्वविद्यालयों को लिखे नए पत्र में यूजीसी के सचिव जेएस संधू ने
कहा, ‘यह सूचित किया जाता है कि आधार अधिनियम 2016 के तहत आधार नंबर को
प्रकाशित और सार्वजनिक करने पर रोक है। इसलिए आपसे अनुरोध किया जाता है कि
स्कॉलरों के आधार नंबर को प्रकाशित या सार्वजनिक न किया जाए।’ यह कदम कई
समूहों की ओर से इस बात पर चिंता जताए जाने पर उठाया गया है कि आधार विवरण
का दुरुपयोग किया जा सकता है।
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