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Tuesday, 2 May 2017

आइटीआइ में स्टाइपेंड और स्कॉलरशिप में गोलमाल होगा बंद

** छात्रों को ऑनलाइन दाखिलों के समय ही देनी होगी बैंक खाते सहित सभी जरूरी जानकारी
चंडीगढ़ : राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) में अब स्टाइपेंड और स्कॉलरशिप के नाम पर फर्जीवाड़ा बंद होगा। दाखिलों के साथ ही विद्यार्थियों से पूरा ब्योरा जुटाया जाएगा ताकि पात्र छात्रों को अगले महीने से ही भुगतान हो और गोलमाल की भी कोई गुंजाइश न रहे। इसके लिए विभाग के एडमिशन पोर्टल को अपडेट किया जा रहा है। 1प्रदेश में फिलहाल कुल 372 आइटीआइ हैं जिनमें 149 सरकारी और 293 प्राइवेट हैं। इनमें 75 ट्रेड में कुल 96 हजार 376 विद्यार्थियों के व्यावसायिक प्रशिक्षण लेने की व्यवस्था है। आइटीआइ में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग को सरकार की ओर से स्कॉलरशिप और स्टाइपेंड दिया जाता है।1 पिछले कुछ समय से अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को शिकायतें मिल रहीं थी कि कुछ निजी आइटीआइ में फर्जी दाखिले दिखाकर स्टाइपेंड और स्कॉलरशिप लेकर सरकारी खजाने को चूना लगाया जा रहा है। 
जांच में फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने औद्योगिक प्रशिक्षण निदेशालय को पत्र लिखा है कि नए सत्र में ऑनलाइन दाखिलों के समय ही छात्रों का पूरा ब्योरा जुटा लिया जाए ताकि फर्जीवाड़े को रोका जा सके।
"अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से एमआइएस पोर्टल को अपडेट करने के लिए पत्र मिला है। इस पर विचार किया जा रहा है। छात्रों से ऑनलाइन दाखिले के समय ही बैंक खातों सहित अन्य पूरा ब्योरा लिया जाएगा।"-- नरेंद्र कुमार, संयुक्त निदेशक (तकनीकी), आइटीआइ
पिछड़े छात्रों को आर्थिक सहायता
एससी-बीसी छात्रों और सभी वर्ग की छात्रओं के लिए 230 रुपये मासिक स्टाइपेंड के साथ ही उनकी एक हजार रुपये तक की फीस का भुगतान आइटीआइ निदेशालय करता है। इसके अलावा एक हजार रुपये तक के आवश्यक उपकरण खरीदने की छूट है जिसका भुगतान विभाग करेगा।1

दस्तावेजों के लिए नहीं खाने पड़ेंगे धक्के1अभी तक आइटीआइ में दाखिले के बाद छात्रों को स्टाइपेंड के लिए बीच सत्र में फिर से कागजी खानापूर्ति करनी पड़ती थी। उन्हें आय प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र सहित अन्य दस्तावेजों के लिए सरकारी कार्यालयों के धक्के खाने पड़ते थे। नई व्यवस्था में इसकी जरूरत नहीं होगी। दाखिले के समय जमा कराए गए दस्तावेजों की जांच कर आइटीआइ मुखिया सुनिश्चित करेंगे कि इसके आधार पर ही स्टाइपेंड शुरू किया जाए। डॉ. अंबेडकर मेधावी छात्र योजना और स्कॉलरशिप के लिए आय प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं।
देनी होगी अतिरिक्त जानकारी

आइटीआइ में सेंट्रल एमआइएस पोर्टल से छात्रों को दाखिला मिलता है। इस बार विद्यार्थियों को दाखिले के समय ही अपने बैंक खाते का नंबर, बैंक का नाम और आइएफएससी कोड, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ई-मेल की जानकारी देनी होगी। इसके बाद आवेदनों की जांच कर पात्र छात्रों को अगले महीने से ही स्टाइपेंड देना शुरू कर दिया जाएगा।

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