जिले में
सरकारी विद्यालयों के छात्र भी अब आधुनिक स्कूलों के तर्ज पर मनमोहक
यूनिफॉर्म में नजर आएंगे। शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार अब सरकारी
स्कूलों पर एक जैसी यूनिफॉर्म कोड को मानने का दबाव नहीं रहेगा। बता दें कि
पूर्व में सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए एक जैसी यूनिफॉर्म कोड
का मापदंड रहता था। यूनिफॉर्म के रंग डिजाइन में बदलाव सरकारी विद्यालय
अपनी मर्जी से कर सकेगा। शिक्षा विभाग ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है।
चालू वित्त वर्ष में यह फैसला सभी सरकारी स्कूलों पर लागू हो गया है।
"जिन
बच्चों के खाते में ड्रेस ग्रांट की राशि डाली जाएगी। अगर वह निर्धारित
स्कूल ड्रेस पहनकर नहीं आएंगे तो ऐसे विद्यार्थियों के खाते में अन्य फंड
की राशि नहीं डाली जाएगी।"-- मुकेश लावनिया, डीईओ, महेंद्रगढ़।
स्कूल प्रबंधन कमेटी विद्यालय मिलकर लेंगे फैसला
शिक्षा
विभाग के इस नए आदेश के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ही सरकारी
स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए अलग से ड्रेस के बजट का प्रावधान किया जा
रहा है। सूत्रों की माने तो विभाग द्वारा बजट दिए जाने पर स्कूल प्रबंधन
कमेटी विद्यार्थियों के लिए मनमानी यूनिफॉर्म तैयार कराने के लिए अधिकृत
होगी। शिक्षा विभाग के अनुसार सरकारी स्कूलों में यूनिफॉर्म के चयन के लिए
स्कूल प्रबंधन कमेटी के साथ-साथ अभिभावक, अध्यापक एसोसिएशन यानी पीटीए के
सदस्यों द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।
15 मई तक विद्यार्थियों के खाते में डाली जाएगी राशि
शिक्षा
विभाग के अनुसार 15 मई तक नए शिक्षा सत्र के लिए यूनिफॉर्म ग्रांट की राशि
बच्चों के आधार नंबर से जुड़े बैंक खाते में भेजी जानी है। बता दें कि
सरकार की तरफ से पहली से 5वीं कक्षा के विद्यार्थियों को 800 रुपए तथा छठी
से 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए एक हजार रुपए निर्धारित किए गए हैं।
विभाग द्वारा जारी नए आदेश के अनुसार यह ड्रेस कोड 9वीं से 12वीं कक्षा के
छात्रों पर लागू नहीं होगा।
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