.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Saturday, 13 July 2013

20 फीसदी परिणाम वाले स्कूलों की बनेगी सूची- प्रिंसिपलों में हड़कंप।


फरीदाबाद : शिक्षा निदेशालय के कड़े रुख के बाद जिला शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। शिक्षा मंत्री के सख्त तेवर के बाद परिणामों की समीक्षा शुरू हो गई है। ऐसे स्कूल जिनका परीक्षा परिणाम 20 फीसदी रहा है, उनकी सूची तैयार की जाएगी। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी। हाल ही में आयोजित बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रिंसिपलों को कड़ी फटकार लगाई थी। खराब परीक्षा परिणामों की पड़ताल की जा रही है। इसकी एक रिपोर्ट निदेशालय को भी भेजी जाएगी। वर्तमान में बड़ी संख्या में शिक्षकों के खाली पद भी खराब परिणाम का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। इस बार जिले के 10वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम काफी खराब रहा। जिला 12वीं में सबसे निचले पायदान पर रहा है। वहीं 10वीं में 17वें स्थान पर रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी कहती हैं कि खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों की जांच करने का निर्देश है। 
बोर्ड का परीक्षा परिणाम रहा है खराब:
ओवर ऑल बोर्ड का परीक्षा परिणाम खराब रहा। 40 फीसदी ही बोर्ड का परिणाम रहा है। ऐसे में स्कूलों की समीक्षा का क्राइटेरिया 20 फीसदी रखा गया है। यह देखा जा रहा है कि बोर्ड के परिणाम से पचास फीसदी से भी कम वाले कितने स्कूल हैं। इसकी सूची शिक्षा निदेशालय को दी जाएगी। 
खराब परीक्षा परिणाम वाले स्कूलों पर नजर:
ऐसे स्कूलों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है, जिनका परिणाम लगातार गिर रहा है। वैसे स्कूलों के परिणामों की समीक्षा की जाएगी। परिणाम के कारण तलाशे जाएंगे। छात्रों को बेहतर माहौल मिल सके, इसके लिए एजुसेट प्रणाली को भी दुरुस्त करने का निर्णय लिया गया है। इसके माध्यम से मैथ, साइंस आदि विषयों की पढ़ाई नियमित किए जाने की योजना है। 
लगेंगी विशेष कक्षाएं: 
स्कूलों में परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए अलग से विशेष कक्षाएं लगाने पर विचार किया जा रहा है। शनिवार व शुक्रवार को विशेष कक्षाओं का आयोजन किया जा सकता है। हालांकि इस पर अभी मुहर लगने का इंतजार है। केवल गर्मी की छुट्टी में ही साइंस व मैथ की पढ़ाई की व्यवस्था की जाती है। इसे अब साप्ताहिक करने की योजना है। 
खराब परिणाम के मुख्य कारण:
स्कूलों में विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों के पद बड़ी संख्या में खाली हैं। ऐसे में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षक दबी जुबान में कहते हैं कि जब तक वैकेंट सीटें भरी नहीं जाती हैं, तब मुश्किल से जूझना पड़ेगा। ज्यादातर स्कूलों में एजुसेट पर ताला लगा हुआ है। इसका असर परीक्षा परिणाम पर पड़ता है। 
पद स्वीकृत कार्यरत :
जेबीटी 1875 911 
सी एंड वी 589 473 
मास्टर 730 604 
लेक्चरर्स 459 339 
हेड मास्टर 39 7 
प्रिंसिपल 50 47 
हर वर्ष लुढ़क रहा परीक्षा परिणाम:
10वीं का रिजल्ट प्रतिशत में
2011: 62.02
2012: 56.62
2013: 46.02
12वीं का परिणाम प्रतिशत में :
2011: 67.72
2012: 60.51
2013: 45.59
कोट्स : 
"स्कूलों में छात्रों के अनुपात के अनुसार शिक्षक नहीं है। इसका असर पडऩा लाजिमी है। रिक्त शिक्षकों के पद शीघ्र भरने की जरूरत है।" -राज सिंह, जिलाध्यक्ष हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ-93

"छात्रों को स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया की जाएं। शिक्षकों की संख्या काफी कम है। इसका असर पढ़ाई पर पड़ता है। " -एनएल जांगिड़, जिलाध्यक्ष अभिभावक एकता मंच  ..db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.