यमुनानगर : रेशनेलाईजेशन के डर ने स्कूलों की पढ़ाई चौपट कर दी है। यह कहना है हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के जिला प्रधान प्रदीप सरीन का, जो बस स्टैंड पार्क में संघ से संबंधित अध्यापकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभाग व हरियाणा सरकार पिछले पांच वर्षों से दो टियर प्रणाली का ढिंढौरा पीट रही है परंतु उसे लागू करने में अभी तक असमर्थ है।
श्री सरीन ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से बच्चों की संख्या
के आधार पर रेशनेलाईजेशन कर हिंदी व गणित के सभी पद सरपल्स करने से सभी
जिलों के कुल 15000 अध्यापक सरपल्स हो गये। इन्हें कहां समायोजित किया
जायेगा, यह सिर्फ प्रश्रचिंह बन गया है। उन्होंने कहा कि छठी से आठवीं तक
के बच्चों को गणित व हिंदी कौन पढ़ायेगा, यह बताने वाला कोई नहीं है। नौंवी
से दसवीं तक के छात्रों को अध्यापक पढ़ायेंगे, मास्टर या प्राध्यापक वर्ग,
यह असमंजस की स्थिति हैं।
इसके साथ ही मिडिल स्कूलों के लगभग पांच हजार मुख्याध्यापक पदोन्नत कर दिये
गये हैं लेकिन न तो उन्हें मिडिल स्कूलों से भारमुक्त किया है, न ही डीडी
पावर दी गई और न ही उनके वेतन के बारे कोई मार्गदर्शन दिया गया। उन्होंने
कहा कि शिक्षा विभाग घटिया परीक्षा परिणाम के लिये अध्यापकों को दोषी ठहरा
कर अपनी झेंप मिटा रहा है। ..dt
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