** अभी तक फिजिक्स केमिस्ट्री,मैथ के अंक बनते थे आधार
सिरसा/हिसार : इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थियों को अब पहले की अपेक्षा ज्यादा मेहनत करनी होगी। सिर्फ जेईई(मेन) में अच्छे अंक लाना विद्यार्थियों के लिए काफी नहीं होगा, बल्कि उन्हें 12वीं की बोर्ड परीक्षा में भी बढिय़ा अंक लाने होंगे। इस बार जेईई(मेन) में 12वीं के पांच विषयों के कुल अंकों के आधार पर अंक मिलेंगे।
इससे पहले तक तीन विषयों फिजिक्स केमिस्ट्री मैथ (पीसीएम) के अंकों के आधार पर ही अंक मिलते थे।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएई) के मुताबिक उसने यह फैसला विद्यार्थियों के हित को देखते हुए लिया है। अब तक विद्यार्थी सिर्फ उन्हीं विषयों पर ज्यादा ध्यान देते थे, जिनके अंक जेईई(मेन) में जुड़ेंगे और बाकी विषयों में बस पास अंक लाने जितनी मेहनत करते थे।
अब विद्यार्थियों को फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ के साथ ही बाकी दो विषयों पूरा ध्यान देना होगा। क्योंकि अब सभी विषयों के अंकों के आधार पर ही 40 फीसदी अंक उसके जेईई(मेन) में जोड़े जाएंगे। हालांकि जिन लोगों ने कक्षा 12 की परीक्षा इस सत्र के पहले पास कर ली है,उन पर यह नियम लागू नहीं होगा। उनके अंक पीसीएम के अंकों के आधार पर ही तय किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि जेईई(मेन) परीक्षा में 60 फीसदी अंक इस परीक्षा के और 40 फीसदी अंक 12वीं बोर्ड परीक्षा के जाते है।
मैथ करेगा रैंक निर्धारित
विशेषज्ञों के मुताबिक इस परीक्षा में रैंक निर्धारण में सीबीएसई ने मैथ को सबसे अधिक तवज्जो दी है। दो विद्यार्थियों के यदि समान रैंक है, तो जिसके मैथ में अधिक अंक है, उसकी मेरिट ऊपर मानी जाएगी। मैथ में समान अंक है, तो फिजिक्स के अंक आधार माने जाऐंगे।
"इस नियम से 12वीं में बढिय़ा अंक लाने वाले विद्यार्थियों की जेईई(एडवांस) में जाने की राह आसान हो जाएगी। हालांकि अब विद्यार्थियों को पहले के मुकाबले च्यादा मेहनत करनी होगी। वैसे जेईई(मेन) के अंकों के आधार पर आईआईटी व एनआईटी को छोड़कर सभी संस्थानों में दाखिला हो जाता है।"--अभिषेक मिश्रा, एंबिशन इंस्टीट्यूट db
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